समर्थन मूल्य पर खरीद ली 11 टन घटिया सोयाबीन, राजफेड ने कहा-रखो अपने पास
-झालरापाटन क्रय विक्रय सहकारी समिति का खुला राज
-2200 कट्टे सोयाबीन अब गले पडी
झालावाड। समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद के दौरान झालरापाटन क्रय विक्रय सहकारी समिति के अधिकारियों ने करीब पचास लाख रूपए की घटिया सोयाबीन खरीद ली। लेकिन राजफेड के अधिकारियों इसे गोदाम में जमा करने से इनकार कर दिया। अधिकारियों की गलती से ये सोयाबीन अब क्रय विक्रय सहकारी समिति के गले पड गई है।
झालरापाटन क्रय विक्रय सहकारी समिति की ओर से झालरापाटन और रायपुर कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद के लिए तोल कांटे लगाए गए थे। जिसमें एक लाख 14 हजार 685 कट्टे सोयाबीन की खरीद की गई।
ठस खरीद की अंतिम तिथि 4 फरवरी 2025 थी। लेकिन समिति के अधिकारियों ने इस तारीख से पूर्व ही करीब 11 टन सोयाबीन खरीद के अतिरिक्त ऑनलाइन बिल बना लिए। जबकि 2227 कट्टे बाद में जमा कराए गए। सोयाबीन की गुणवत्ता पर शंका होने पर राजफेड के अधिकारियों ने कमेटी गठित कर सोयाबीन की गुणवत्ता की जांच कराई। जिसमें मिट्टी की मिलावट पाई गई। जिसके बाद राजफेड ने इस घटिया माल को जमा कराने से इनकार कर दिया। साथ ही राजफैड ने इसका भुगतान करने से भी इनकार कर दिया। राजफेड ने समिति को साफ कह दिया है कि इसके भुगतान की व्यवस्था समिति अपने स्तर पर करे या किसानों को माल वापस लौटा दें।
हालांकि इस माल को वेयर हाउस में जमा करने के लिए कई प्रकार का दबाव व तिकडमें लगाई गई। लेकिन अंत में समिति के अधिकारियों को इसे उनके निजी गोदाम में जमा करना पड़ा।
व्यापारियों का माल होने की शिकायत
इधर किसानों का आरोप है कि समिति के अधिकारियों ने ये माल किसानों से खरीदा ही नहीं। बल्कि 40 किसानों के दस्तावेज लगाकर उनके नाम से व्यापारियों का घटिया माल उंचे दामों में खरीद गया है। जिसे सरकारी खरीद एजेंसी राजफेड के गोदाम में जमा कराकर पूरा पैसा उठाने की साजिश थी। लेकिन समय से पूर्व इसका खुलासा हो जाने से राजफैड ने इसे लेने से मना कर दिया। किसानों का कहना है कि जिन किसानों के नाम से खरीद की गई उसकी जांच की जाए तो फर्जीवाडा सामने आ जाएगा।
-माल में मिट्टी ज्यादा थी। किसानों को भुगतान समिति करेगी और माल हमारे पास जमा है। किसानों को पूरा भुगतान होगा, जो भी अधिकारी आगे निर्णय करेंगे।
जितेन्द्र गुर्जर,
खरीद प्रभारी, क्रय विक्रय सहकारी समिति
-सोयाबीन की क्वालिटी हल्की थी तो वो समिति के खाते में जमा हुई है। ये राजफेड के नाम जमा नहीं हुई है। अधिक जानकारी मेनेजर दे सकता है।
अवतार सिंह मीणा, उपरजिस्ट्रार, सहकारी समितियां
-झालरापाटन क्रय विक्रय सहकारी समिति के 2227 कट्टे सोयाबीन खरीद में घटिया गुणवत्ता का पाया गया। जिसे जांच के बाद जमा करने से इनकार कर दिया है। इस भुगतान समिति को अपने स्तर पर करने को कहा है।
विष्णु शर्मा
क्षेत्रीय अधिकारी राजफेड
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