जनता त्रस्त है,अफ़सर तृप्त है अफसरों की कार्यशैली पर वसुंधरा ने साधा निशाना
vasundhraraje
क्या प्यास जनता को नहीं, सिर्फ़ अफ़सरों को ही लगती है -वसुन्धरा राजे
झालावाड़। पूर्व सीएम श्रीमती वसुन्धरा राजे ने मंगलवार को पेयजल संकट की शिकायत पर जनजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों के बीच जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि ‘क्या जनता को प्यास नहीं लगती ? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त हैं।अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं,लोगों के होठों तक पहुँचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूँगी।
उन्होंने सख़्त लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दियें हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया ? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है। यह तो अप्रेल का हाल है।जून-जुलाई में क्या होगा ? अधीक्षण अभियंता दीपक सिंह झा सहित वहाँ उपस्थित कोई अधिकारी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाये तो उन्होंने साफ़ कहा कि लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए।यहाँ ऐसा हरगिज नहीं चलेगा।उनके पुत्र व झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह भी उनके साथ थे।इसके बाद उन्होंने कड़ोदिया गांव में सीएचसी भवन व मथानिया में पीएचसी भवन का उद्घाटन किया।
झालावाड़ में दस मिनट पानी
झालावाड़ शहर में छपी पेयजल योजना की पाइप लाइन बिछाते समय विभाग ने दवा किया था कि इसके बाद झालावाड़ को चौबीस घंटे पानी मिलेगा . लेकिन इसके बाद जल जीवन मिशन कि बड़ी रकम शहर में खर्च कि जा चुकी हे. इसके बाद भी कई इलाकों में मात्र दस मिंट पानी आ रहा हे . शहर के केजीएन बी एड कॉलेज कि टंकी से जुडी कॉलोनियों में शाम के समय मात्र दस पंद्रह मिनट पानी आ रहा हे . जलदाय विभाग के अधिकारीयों को कई बार शिकायत के बाद भी जलापूर्ति में कोई सुधर नहीं हुआ .
डेढ फीट नीचे पाइप लाइनें, लाखों का घोटाला
शहर में अमृत योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइनों को ठेकेदारों ने महज डेढ फीट नीचे ही गाढ दिया है। जबकि प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक इनकों कम से कम 90 से 100 सेन्टीमीटर गहरी ट्रेंच खोदकर दबाया जाना था। लेकिन ठेकेदारों ने पाइप लाइनों को उपर ही डाल दिया जिससे आए दिन पाइप लाइनें फूटने की शिकायत आ रही है। षहर के मोटर गैराज, राडी के बालाजी रोड, संजय कॉलोनी सहित कई स्थानों पर जब सडक निर्माण के लिए पुरानी सडतें तोडी गई तो महज 15 इंच नीचे ही पाइप लाइनें निकल आई। जिनमें से कई जगह जेसीबी के पंजों के लगने से फूट भी गई। अधिकारियों ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार काम नहीं होने के बावजूद ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया। जबकि इन पाइप लाइनों को कम से कम तीन फीट गहराई में सेंड बेड लगाकर बिछाया जाना था। लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर लाखों रूपए बचा लिए जिसका खामियाजा आए दिन जलापूर्ति ठप रहने से जनता को भुगतना पड़ रहा है।
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