आरटीआई में मांगी फायर एनओसी की सूची, जवाब आया निजी जानकारी नहीं दे सकते !
RTI
-झालावाड नगर परिषद आयुक्त ने दिया जवाब
-भ्रष्टाचार से जुडे दस्तावेजों को दबाने की जुगत
झालावाड। इसे झालावाड नगर परिषद में व्यप्त भ्रष्टाचार को दबाने की तिकडम कहें या अधिकारी की अज्ञानता कि वे अग्निशमन एनओसी जैसे जनहित से जुडे मुद्दे को भी किसी व्यक्ति से जुडी निजी जानकारी मानते हैं। नगर परिषद के लोक सूचना अधिकारी ने एक आरटीआई के जवाब में ऐसा ही बेतुका जवाब दिया है।
झालावाड निवासी एक आवेदक ने झालावाड नगर परिषद के लोक सूचना अधिकारी से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी। जिसमें परिषद क्षेत्र में स्थित ऐसे भवनों की सूची और उनसे सम्बन्धित जानकारी की मांग की गई थी जिनको नगर परिषद की ओर से फायर एनओसी जारी की गई हो। गत 8 मई को लगाई गई इस आरटीआई का जवाब 7 जून को नगर परिषद की ओर से जारी किया गया। इसके जवाब में लोक सूचना अधिकारी ने लिखा कि आरटीआई अधिनियम 2005 के बिन्दु संख्या के उपबिन्दु ( ञ ) के अनुसार चाही गई सूचना व्यक्तिगत सूचना से समबन्धित होने के कारण उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
ये है नियम
आरटीआई अधिनियम 2005 के बिन्दु संख्या के उपबिन्दु ( ञ ) के तहत ऐसी सूचनाओं को प्रकट होने से रोकने की छूट दी गई। जो किसी व्यक्ति के निजी जीवन से सम्बन्धित है। जिस सूचना का किसी लोक हित या सार्वजनिक क्रियाकलाप से कोई सम्बन्ध नहीं हो या उसके प्रकट होने से किसी व्यक्ति की निजता, एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण होता हो। इन सूचनाओं को भी तब तक रोका जा सकता है जब तक केन्द्रीय लोकसूचना अधिकारी, राज्य लोक सूचना अधिकारी या अपील प्राधिकारी इसका निर्णय नहीं करते कि ये सूचना व्यापक लोकहित में प्रकट करना न्यायाचित है। इतना ही नहीं जो सूचना संसद, या विधानसभा को देने से इनकार नहीं किया जा सकता उसे किसी व्यक्ति को भी देने से इनकार नहीं किया जा सकता।
भ्रष्टाचार के दस्तावेजों पर टालमटोल
झालावाड नगर परिषद और झालरापाटन नगर पालिका में भ्रष्टाचार से जुडे दस्तावेजों के लिए दर्जनों आरटीआई आवेदन लंबित है। जिन्हें अधिकारी और लिपिक या तो आधी अधूरी जानकारी या गलत जवाब देकर आवेदक का समय खराब करते रहते है। वहीं कई कर्मचारी सूचना तैयार करने में टालमटोल करते रहते हैं।
इतना हीं नहीं नगर परिषद के अतिक्रमण शाखा से तो ऐसे आरटीआई आवेदनों के अलावा भ्रष्टाचार से जुडी फाइलें तक गायब है। वहीं झालरापाटन नगर पालिका की भूमि शाखा से कई फाइलें गायब है जिनकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जा चुकी है और 17 अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाए जा चुके हैं। वर्तमान भाजपा सरकार की भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टोलरेंस नीति को देखते हुए एक दो माह में ही इनकी अभियोजन स्वीकृति जारी होने की संभावना है।
Share this news
Comments