पशुपालकों को घर बैठे मिलेगी उपचार सुविधाएं
अब बीमार पशुओं के लिए चलेगी एम्बुलेंस
झालावाड़, 24 फरवरी। प्रदेश में चल रही 108 एम्बुलेंस की तरह केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पशुओं को भी समय पर उपचार उपलब्ध कराने के लिए एम्बुलेंस का संचालन शुरू किया गया है। पशुपालन विभाग के माध्यम से मोबाइल वेटेरिनरी वैन का लोकार्पण राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। जबकि झालावाड में मनोहरथाना विधायक गोविन्द प्रसाद रानीपुरिया ने मिनी सचिवालय के ऑडिटोरियम में वेन का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मनोहरथाना विधायक ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में पशु चिकित्सा मोबाइल वैन के संचालन का निर्णय किया गया है। देश की 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है और कृषि के लिए पशु आवश्यक है। पहले समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण कई पशुओं की मृत्यु हो जाती थी। अब इन मोबाइल वैन के संचालन से पशुपालकों के लिए घर बैठे समय पर पशुओं का इलाज आसान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जाएंगे कि झालावाड़ पशु चिकित्सालय में आगामी दिनों में चिकित्सकों एवं अन्य सुविधाओं की कमी न रहे।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक निर्मल कुमार सकलेचा ने कहा कि देश के विकास के लिए पशुओं का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा 5 पशु चिकित्सा मोबाइल वैनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान जिला प्रमुख प्रेम बाई दांगी, पंचायत समिति झालरापाटन प्रधान भावना झाला, पंचायत समिति भवानीमण्डी प्रधान सुल्तान सिंह, नगर पालिका झालरापाटन अध्यक्ष वर्षा जैन, झालरापाटन व्यापार संघ के अध्यक्ष यशवर्द्धन सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सत्येन्द्र नामा द्वारा किया गया।
टोल फ्री नंबर 1962 पर करें कॉल
कार्यक्रम के दौरान पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. टी.ए. बन्सोड ने बताया कि उक्त पशु चिकित्सा मोबाइल वैन जिले की आठों पंचायत समितियों में सेवाएं देंगी। कोई भी पशुपालक टोल फ्री नम्बर 1962 पर कॉल करके मोबाइल वैन को बुला सकते हैं और पशु का इलाज करवा सकते हैं। वैन में एक पशु चिकित्सक, एक कम्पाउण्डर, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं एक ड्राइवर रहेगा। उक्त मोबाइल वैन का संचालन एक निजी कम्पनी के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रारम्भ में गांवों में शिविरों का आयोजन कर जानकारी पशुपालकों को दी जाएगी।
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