भगवान देवनारायण जन्मोत्सव शोभायात्रा में उमडे समाज बंधु
अखाडों और अश्वारोहियों के साथ निकाली शोभायात्रा
झालावाड, 17 फरवरी। गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण के 1112 वें जन्मोत्सव पर खंडिया चोराहे के निकट स्थित थानक से भगवान देवनारायण की विशाल शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई निकली। जिसका जगह जगह लागों ने पुष्पवर्षा व जलपान से स्वागत किया। शोभायात्रा में शामिल अश्वारोही, अखाडे आकर्षण का केन्द्र रहे।
राजस्थन गुर्जर महासभा के जिला संयोजक श्याम गुर्जर खटाना ने बताया कि शोभायात्रा सुबह 11 बजे खंडिया चौराहे से रवाना हुई। जो खेल संकुल, सुभाष सर्किल, बस स्टैण्ड, मंगलपुरा, गढ परिसर, बडा बाजार, मोटर गैराज होते हुए धनवाडा पहुंची। जहां भगवान देवनारायण मंदिर जाकर समापन हुआ। इस दौरान मार्ग में जगह जगह विभिन्न समाजों के लोगों ने शोभायात्रा में शामिल भगवान देवनारायण और अन्य देवताओं की झांकियों पर पुष्प वर्षा की। मार्ग में जगह जगह पानी-शर्बत, चाय आदि के स्टॉल लगाकर जलपान कराया गया। शोभायात्रा में आगे ढोल वादन और डीजे के साथ बग्घी में भगवान देवनाराण झांकी सजी थी। इसके बाद वाहनों में अन्य झांकियां सजाई गई थी। इसके पीछे सजे धजे अश्वां पर 24 बगडावत ध्वजाएं लेकर चल रहे थे। इसे बाद जिले भर से आए समाज के प्रमुख लोग और पंच पटेल चल रहे थे। वहीं एक डीजे के साथ समाज के युवक और दूसरे डीजे महिलाएं एवं युवतियां राजस्थानी गीतों पर नाचते झूमते चल रहे थे। बीच में जगह जगह युवकों ने अखडे का प्रदर्शन किया। जिसमें युवकों ने लाठी, तलवार, चक्कर, मुग्दर आदि का संचालन किया।
अश्वों का नृत्य रहा आकर्षण का केन्द्र
शोभायात्रा में भाग लेने जिले के विभिन्न हिस्सों से गुर्जर अश्वारोही अपने प्रशिक्षित अश्वों के साथ शोभायात्रा में शामिल हुए। जो अपने अश्वों को डीजे की धुन पर चौराहों पर नृत्य कराते हुए चल रहे थे। करीब दर्जन भर अश्वों ने जगह जगह दो पैरों पर खडे होकर, मतवाली चाल में चलकर, ठुमके लगाकर नृत्य किया तो देखने वाले आश्चर्य कर उठे। कई सवारों ने अश्वों की पीठ पर चढकर नृत्य किया तो कई ने अश्वों को अभिवादन करने का प्रदर्शन किया।
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