रामचरित मानस में हर समस्या का समाधान
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-श्रीराम वन गए तो भगवान बन गए
-महामंडलेश्वर स्वामी भागवता नन्द गिरि ने कहा
झालावाड। श्रीराम कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में
द्वारकाधीश मंदिर में चल रही श्रीराम कथा के अंतर्गत आज महामंडलेश्वर भगवान बापूजी महाराज ने कहा कि एक दिन पहले श्री रामजी को अयोध्या का राज्य देने की घोषणा कर दी गई। दूसरे दिन वनवास दिया और प्रसन्नता पूर्वक वन चले गए ।
वर्तमान समय में संताने माता-पिता की आज्ञा का पालन नहीं कर है जबकि रामायण में लिखा है,
माता-पिता प्रभु गुरु के वानी बिना ही विचार करिए शुभ जानी।
माता-पिता और गुरु जनों की वाणी को बिना विचार किया जीवन में उतरना चाहिए आपका कल्याण होगा।
भगवान श्री राम ने रामराज की कल्पना को साकार करने के लिए जंगल में रहने वाले भील कोल किरात निषाद को अपना मित्र बनाया। केवट से नाव मांगी छुआछूत जाति पाति के भेदभाव को मिटाकर जंगल में रहने वाले आदिवासियों के साथ बैठकर भोजन किया। वनवास प्रसंग मे महाराज व सभी महिलाएं भावुक होकर आँखो से आंसू बहने लगे!
रामराज की कल्पना को साकार करने के लिए हमें भी छुआछूत का भेदभाव मिटाकर सामाजिक समरसता का भाव लाना होगा। तभी अपने देश में राम राज्य जैसी स्थिति आ सकती है। पूज्य बापू ने कहा कि आगामी प्रयागराज में होने वाले कुंभ के अवसर पर 29 जनवरी एवं 3 फरवरी के दो राजसी स्नान हम हमारे पंचायती निरंजनी अखाड़े के साथ करेंगे।
समिति सदस्य पार्षद नितेश परमार व मनोज गोयल ने बताया की महाराज भगवान बापू जी 26 जनवरी से 5 फरवरी 2025 तक प्रयागराज कुंभ में रहेंगे जो भी भक्त वहां आना चाहे वह पूर्व सूचना देकर आ सकते हैं आपके आवास भोजन की व्यवस्था रहेगी।
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