विधानसभा में उठा जयपुरिया ऑयल मिल का मामला, विधायक कालूराम ने उठाई उच्च स्तरीय जांच की मांग
bhawanimandi
-70 साल पहले दरबार ने दान की थी
झालावाड। भवानीमंडी में जयपुरिया ऑयल मिल की सरकारी जमीन पर कब्जा कर कॉलोनी बसाने और अवैध तरीके से पट्टे जारी करने का मामला विधायक कालूराम ने शुक्रवार को विधान सभा में उठाया। उन्होंने इस प्रकरण की जांच के उच्च स्तरीय कमेटी से कराने की मांग उठाई।
विधानसभा में कालूराम ने कहा कि भवानीमंडी में 70 साल पहले उद्योग लगाने के लिए तत्कालीन झालावाड नरेश ने भवानी आनंद लिमिटेड और जयपुरिया ब्रदर्स नाम की कंपनियों को जमीन दान की थी। लेकिन इन कंपनियों ने बरसों तक यहां कोई उद्योग नहीं लगाया। जिसके चलते स्वत़ः ही ये जमीन सरकार के खाते में दर्ज हो जानी चाहिए थी। लेकिन उद्योग नहीं लगाने के बावजूद बरसों तक ये जमीन इन कंपनियों के नाम ही चलती रही। बाद में इसमें से 176 बीघा जमीन किसी एक व्यक्ति के नाम नामांतरित कर दी गई। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने तो सारे नियम ताक में रखकर इस जमीन की 90 बी कर दी और प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टे भी जारी कर दिए।
कलूराम ने स्वायत्त शासन मंत्री से इस सारे प्रकरण की उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराने की मांग उठाई है।
जिला बनने की संभावना, जमीन की आवश्यकता
कालूराम ने विधानसभा में कहा कि भवानीमंडी के भविष्य में जिला बनने की संभावना है। उस स्थिति में सरकार को जमीन की आवश्यकता होगी। जयपुरिया मिल की जमीन कीमत अराबों में है। शहर के बीच ये बेशकीमती सरकारी जमीन खुर्दबुर्द हो रही है। इसे सरकार को अपने अधिकार में लेना चाहिए ओैर जालसाजों के खिलाफ कार्रवाइ्र हो। ताकि भविष्य में जमीन का उपयोग जनता के हित में किया जा सके।
गरीबों को नहीं मिल पट्टे
कालूराम ने पिछली कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि पिछली सरकार ने अभियान के दौरान गरीबों को पट्टे नहीं दिए। जबकि अधिकांश पट्टे प्रभावशाली लोगों को दिए गए। आज भी गाडोलिया लुहार और सांटिया समाज के लोग पट्टों के लिए चक्कर काट रहे हैें। उन्होंने आरयूआईडीपी का काम पूरा नहीं होने पर भी नाराजगी जताई।
Share this news
Comments