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झालावाड-बारां लोकसभा सीट पर लगातार दसवीं बार भाजपा का कब्जा

satyarthkranti/jhalawar-baran/loksabha

दुष्यंत सिंह 369508 मतों से जीते

झालावाड़। लोकसभा चुनाव 2024 मतगणना में झालावाड-बारां लोकसभा सीट पर दसवीं बार भाजपा प्रत्याशी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भाजपा के दुष्यंत सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन को तीन लाख 69 हजार 508 मतों से पराजित कर इस सीट पर पांचवीं बार अपना कब्जा कायम रखा है।

दक्षिणी राजस्थान के दो जिलों और आठ विधानसभा सीटों का केन्द्र में प्रतिनिधित्व कारने वाली यह लोकसभा सीट भाजपा का गढ रही है। यहां लगातार भाजपा और जनसंघ का कब्जा रहा। इस चुनाव में भाजपा ने पांचवी बार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह पर भरोसा जतातें हुए मैदान में उतारा था। जबकि कांग्रेस से पूर्व खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन को मैदान में थी। भाजपा प्रत्याशी ने 8 लाख 61 हजार 850 मत प्राप्त किए। जबकि उर्मिला जैन को 492342 मत प्राप्त हुए।

उर्मिला जैन इससे पूर्व 2009 में भी इस सीट से दुष्यंत सिंह के सामने चुनाव लड चुकी है। तब वे करीब 51 हजार मतों से पराजित हुई थी। लेकिन इस बार हार का अंतर बढ गया। जबकि 2014 में उनके पति प्रमोद जैन भाया ने भी इस सीट पर भाग्य आजमाया। उनको भी 2 लाख 52 हजार मतों से पराजय का मंुह देखना पडा था।

इस सीट पर 1989 से 2003 के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पांच बार सांसद रह चुकी है। जबकि इसके बाद उनके पुत्र दुष्यंत सिंह पांचवीं बार सांसद बने हैं।

जीत के बाद बोले दुष्यंत-36 साल पुराना रिश्ता

दुष्यंत सिंह ने प्रेस से रूबरू होते हुए कहा िक इस क्षेत्र में उनकी मां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लंबे समय तक किए गए काम और प्रधानमंत्री मोदी ने नेतृत्व के कारण यहां के मतदाताओं ने इस अंतर से उन्हें जीत दिलाई है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार का इस क्षेत्र से 36 साल पुराना रिश्ता है जिसे वे आगे ले जाएंगे। उन्होंने राजस्थान के प्रश्न पर कहा कि राजस्थान की समस्याएं उठाने और काम करने के लिए सभी 25 सांसदों को जनता ने मतदान दिया है। मेरे क्षेत्र की जो समस्याएं मेरे संज्ञान में लाई जाएगी उनके हम आगे ले जाएंगे। मुझे भाजपा के कार्यकर्ता के नाते छोटे बडे सभी वर्गों का काम करना है। राजस्थान में भजनलाल जी की सरकार है। उनके और मोदीजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।

1962 के बाद केवल एक चुनाव जीती कांग्रेस, आजादी के बाद से भाजपा का सुरक्षित गढ 

 झालावाड-बारां राजस्थान का ऐसा संसदीय क्षेत्र है जो आजादी के बाद से ही भाजपा के लिए सुरक्षित गढ साबित होता रहा है। यहां अजादी के बाद से लेकर अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में महज तीन पर ही कांग्रेस अपने प्रत्याशी जिता पाई है। जबकि 14 चुनावों में भगवा पार्टियों ( भाजपा-जनसंघ ) ने ही अपना वर्चस्व कायम रखा।  भारतीय जनसंघ के प्रभाव में आने से पूर्व दो चुनाव ही कांग्रेस जीत पाई। इसके बाद 1984 के लोकसभा चुनाव को छोडकर आज तक कांगे्रस ने केवल हार का सामना किया।

वैसे तो राजस्थान के कोटा संभाग जिसे हाडोती के नाम से जाना जाता है वह पूरा इलाका ही भाजपा का गढ माना जाता रहा है। लेकिन झालावाड-बारां संसदीय क्षेत्र राजस्थन का ऐसा संसदीय क्षेत्र जहां कांग्रेस को चुनाव लडने के लिए जिताउ प्रत्याशी नहीं मिलते।

आजादी के बाद 1952 में पहला लोकसभा चुनाव लडा गया। इस दौरान कांग्रेस के सामने मैदान में कोई विपक्ष नहीं था। डाॅ श्यामाप्रसाद मुखर्जी, बलराज मधोक और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने 1951 में भारतीय जनसंध की स्थापना कर कांग्रेस को विपक्ष के रूप में चुनौती दी थी। लेकिन पहले लोसभा चुनाव के दौरान जनसंघ की शैशव अवस्था थी। इस चुनाव में झालावाड-बारां संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के नेमीचंद कासलीवाल संासद चुने गए। इसके बाद 1957 में भी वे दुबारा विजेता रहे। लेकिन इसके बाद 1962, 67 और 71 के लोकसभा चुनावों में लगातार तीन बार भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी कोटा के पूर्व महाराव बृजराजसिंह यहां से विजेता रहे। इसके बाद 1977 और 1980 में जनता पार्टी से चतुर्भुज वर्मा को मतदाताओं ने जिताकर संसद में भेजा। 

इसके बाद 1984 में 25 साल बाद फिर एक बार कांग्रेस के जुझार सिंह इस सीट पर जीतने में कामयाब रहे। लेकिन इसके बाद कभी कांग्रेस प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई। 1989 में पहली बार पूर्व सीए और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने यहां से सांसद का चुनाव लगा। इसके बाद उन्होंने 1991, 96, 98 और 99 में लगातार जीत हासिल की। 2003 में वे विधानसभा से चुना लडकर मुख्यमंत्री बनी तो उनके पुत्र दुष्यंत सिंह 2004 में भाजपा से लोकसभा का चुनाव लडे। इसके बाद 2009, 2013 और 2019, 2024 में वे लगातार चुनाव जीतकर संसदीय क्षेत्र पर भाजपा का कब्जा बनाए हुए है।

 

राजपरिवारों के प्रति विशेष लगाव

झालावाड बारां संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का राजपरिवारों के प्रति खास सम्मोहन रहा है। इस सीट पर तीन बार लगातार कोटा के पूर्व महाराव बृृजराज सिंह, पांच बार धौलपुर की महारानी और ग्वालियर सिंधिया राजघराने की बेटी वसुंधरा राजे और उनके बाद राजे के पुत्र और धौलपुर राजपरिवार के दुष्यंत सिंह लगातार चार बार सांसद रहे है। इस तरह 17 में 12 कार्यकाल राजपरिवारों के खाते में रहे। जबकि प्रथम सांसद कासलीवाल वैश्य परिवार, जुझारसिंह कुंदनपुर के राजपूत परिवार और चतुर्भुज वर्मा धाकड जाति के किसान परिवार से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे।  

 

आठ में से सात विधानसभाओं पर भाजपा का कब्जा 

 

झालावाड़-बारां लोकसभा सीट दो जिलों में आती हैं, जिसमें झालावाड़ और बारां में 4-4 विधानसभा है। इसमें बारां में बीजेपी के पास चारों की चारों विधानसभा सीट है, जबकि झालावाड़ में तीन विधानसभा बीजेपी के पास है। झालावाड़ में झालरापाटन, खानपुर, मनोहरथाना और डग विधानसभा क्षेत्र हैं। खानपुर से कांग्रेस के सुरेश गुर्जर विधायक हैं, जबकि झालरापाटन से वसुंधरा राजे, डग से कालूराम और मनोहरथाना से गोविंद प्रसाद भाजपा के विधायक हैं। वहीं अंता से कंवर लाल मीणा, बारां से रामस्वरूप बैरवा, छबडा से प्रताप सिंह सिंघवी और किशनगंज से ललित मीणा चारों भाजपा के विधायक हैं। 

 

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Pradyumn Sharma: A Dedicated Voice in Journalism Pradyumn Sharma is a prominent journalist known for his significant contributions to the field of journalism through his work with "Styarth Kranti," a media outlet dedicated to spreading awareness about important societal issues. With a keen sense of investigative reporting and a passion for uncovering the truth, Sharma has made a name for himself as a reliable source of information.


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