साफ्टवेयर से देना होगा प्रत्याशियों को चुनाव का खर्च
विधानसभा चुनाव-2023
चुनाव आयोग ने की तैयारी
राजस्थान सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को चुनाव खर्च का हिसाब चुनाव आयोग को साफ्टवेयर के मध्यम से देना होगा। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राजस्थान सहित मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च पर नियंत्रण के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
चुनावी सभाएं, प्रचार माध्यमों पर खर्च, चुनाव प्रचार में लगे वाहनों का खर्च को पर चुनाव आयोग निगरानी रखेगा। स्टार प्रचारक के आने पर यही खर्च अलग से देना होगा। वाहन, गुलदस्ते, फर्नीचर, पोस्टर, चाय-पानी, कोल्ड ड्रिंक्स, स्थल का किराया, सुरक्षा पर खर्च शामिल होगा।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने इसके लिए कैंडीडेट एक्सपेंडीचर मानीटरिंग सिस्टम (सीईएमएस) बनाया जा रहा है। इसमें एक साफ्टवेयर होगा जिसे तैयार करने की जिम्मेदारी बंगाल के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दी गई है। ताकि पिछले बंगान चुनावों के अनुभवों के आधार पर साफ्टवेयर अच्छा बन सके इसलिए बंगाल को यह काम दिया गया है। साफ्टवेयर में हर तरह की जानकारी के लिए कालम रहेगा। अभी तक उम्मीदवार हार्ड कापी में जिला निर्वाचन अधिकारी को ब्योरा देते थे।
साफ्टवेयर में प्रत्याशी द्वारा शराब या नकदी बांटने की पुष्टि होती है तो यह खर्च भी उसके खाते में जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा दर्ज करने की व्यवस्था होगी। इस व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि प्रत्येक प्रत्याशी के हर दिन के वैध-अवैध खर्च का डैशबोर्ड तैयार होगा। इसकी निगरानी जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग के स्तर तक होगी।
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