जनवरी में विराजेंगे भव्य मंदिर में प्रभु श्रीराम
-गर्भगृह का निर्माण जोरों पर
-एक सप्ताह चलेगा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
नई दिल्ली(एजेंसी)। अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि पर बन रहे भव्य मंदिर के दर्शन में अब ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पडेगा। जनवरी में देश भर के श्रद्धलुओं को लामलला के दर्शन होंगे। प्राण प्रतिष्ठा 20 से 24 जनवरी के बीच प्रस्तावित है, और मंदिर निर्माण को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
अभी तक मिली सूचनाओं के अनुसार राममंदिर की सीढ़ियांे पर संगमरमर के पत्थर की कारीगरी का काम चल रहा है। इन सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद ही श्रद्धलुओं को प्रभु श्रीराम के दर्शन होंगे। अभी तक मिली सूचनाओं के अनुसार गर्भगृह का मुख्य दरवाजा बनकर तैयार हो चुका है। यह दरवाजा करीब 10 फीट चैड़ा और 15 फीट ऊंचा है। दरवाजे को सागवान की लकड़ी से बनाया गया है। इस तरह के 42 दरवाजे मंदिर में लगाए जाने है जो प्रत्येक तल पर 14-14 होंगे। गर्भगृह के द्वार को भगवान विष्णु कमल, वैभव प्रतीक गज, प्रणाम स्वागत मुद्रा में देवी की प्रस्तर प्रतिमाओं से सुसज्जित किया गया है। गर्भगृह के फिनशिंग का काम चल रहा है। दिसम्बर तक मंदिर का भूतल बनकर तैयार हो जाएगा। श्रीराम मंदिर की ऊंचाई एक सौ इकसठ फीट और धरातल से शिखर तक लम्बाई तीन सौ पचास फीट है। जिसकी चैड़ाई दो सौ पचपन फिट है।
एक सप्ताह चलेगा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
सूत्रों के अनुसार निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और पहले चरण का कार्य दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद जनवरी में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होगी। छब्बीस जनवरी से राम मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय से स्वीकृति मिलते ही श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट तारीख की आधिकारिक घोषणा कर देगा। हालांकि प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से 24 जनवरी तक चलेगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य यजमान होंगे।
मंदिर में करीब पचहत्तर हजार लोग आसानी से दर्शन कर सकेंगे। एक व्यक्ति को दर्शन करने के लिए करीब पन्द्रह से बीस सेकेंड का अवसर मिल पाएगा। गर्भ गृह तक पहुंचने के दौरान भक्तों को कई स्थलों व मण्डपों से होकर गुजरना होगा। इस दौरान मंदिर की भव्यता, भव्य नक्काशी, स्थापत्य कला के भक्तों को दर्शन होंगे।
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