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कॉपरेटिव मॉडल दे सकता है झालावाड़ को औद्योगिक पहचान -मोजावत

- सहकारिता संगोष्ठि एवं वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह
झालावाड। झालावाड जिले को विकास की उंचाईयां देने के लिए सहकारिता मॉडल बेहद कारकर साबित हो सकता है। जिले में भरपूर संसाधन और कृषि उत्पादों कोई कमी नहीं, लेकिन किसान को सही मूल्य दिलाने के लिए उपयुक्त संगठन खडे नहीं हो पाए। यह कार्य सहकरिता मॉडल से ही संभव है। यह बात वरिष्ठ आरएएस अधिकारी रायसिंह मोजावत ने सोमवार को खेल संकुल में आयोजत सहकारिता संगोष्ठि एवं वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह में कही।
झालावाड सहकारी भूमि विकास बैंक की ओर से खंल संकुल में आयोजित सहकार गोष्ठी एवं वरिष्ठ जन सम्मान समारोह का आयोजन सोमवार को किया गया। इस दौरान जिला पेंशनर्स समाज की ओर से पेंशनर्स एवं वरिष्ठ जनों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रायसिंह मोजावत ने कहा कि झालावाड जिले में मूलभूत ढांचे का विकास हुआ है, लेकिन आर्थिक विकास की दिशा में बहुत काम करने की जरूरत है। जिले में संसाधनों की बहुलता है। किसान भी भरपूर पैदावार कर रहे हैं। लेकिन किसानों को पैदावार का सही मूल्य दिलाने के लिए उपयुक्त संगठन खडे नहीं हो पाए। यह काम सहकारिता मॉडल से ही संभव है। कृषि आधारित उद्योग, हर्बल उत्पाद और ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए बेहतरीन उत्पादन और मार्केटिंग ढांचे सहकारिता के माध्यम से खडे किए जा सकते हैं। सहकारित के माध्यम से आर्थिक विकास का सबसे बेहतरीन उदाहरण जापान है। जो छोटा सा देश होकर भी आर्थिक विकास में बहुत आगे है। महाराष्ट्र में भी सहकारिता के माध्यम से बहुत काम हुए हैं। वहां स्कूल तक सहकारी ढांचों के माध्यम से चलाए जा रहे हैं।
 किसान और कृषि आधारित उद्योग ही नहीं पेंशनर्स, आम उपभोक्ता, महिला संगठन, डेयरी विकास, और खाद बीज के उत्पादन जैसे भारी प्रोजेक्त भी सहकारिता से किए जा रहे हैं।  जब हम उद्योगों की बात करते हैं तो सीधे लोग यही सोचते हैं कि किसी बडे पूंजीपति द्वारा ही उद्योग लगाए जा सकते हैं। लेकिन सहकारिता मॉडल में किसी भी पूंजीपति की जरूरत नहीं है। किसानों के उत्पादन, किसान का पैसा और किसानों के ही उद्योग यह कल्पना सहकारिता से कई जगह संभव हो रही है। इसीलिए आज सभी वरिष्ठ जनों से इस विषय में लिखित प्रपत्र भरवाकर सुझाव मांगे गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेलों के लिए जो बजट देती है उसका अधिकांश हिस्सा जयपुर का सवाई मान सिंह स्टेडियम ले जाता है। बाकी के लिए फड बचता ही नहीं। झालावाड में जब खेल संकुल बनाया गया तो इसे चलाने के लिए खर्च नहीं था। लेकिन इसके चारों और 123 दुकानें, गोदाम बनाकर आय का जरिया खडा किया गया। आयोजनों के लिए शुल्क लेकर आय के साधन खडे किए। आज जयपुर एसएमएस से भी बडा ये खेल संकुल अपने सामने है।  
कार्यक्रम में पेंशनर्स समाज के जिलाध्यक्ष भंवर सिंह राजावत ने पेंशनर्स और वरिष्ठ जनों को होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स को सामाजिक सरोकार के कामों में लगे रहना चाहिए। इस समय समाज के कामों में सक्रियता ही उन्हें समाज में सम्मान दिलाएगी। इस दौरान सुरेश गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सहकारी भूमि विकास बैंक की अध्यक्ष श्रीमती पिंकी कंवर ने बैंक की ओर से किए जा रहे कामों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैंक हमेशा किसानों के हितों में काम करने को तत्पर रहेगा।
 इस दौरान समिति के सभी ब्लॉक से आए अध्यक्षों को मंच पर बुलाकर शॉल और माल्यार्पण से अभिनंदन किया गया। साथ ही पर्यावरण के लिए काम करने वाले वरिष्ठ नागरिकों व मीडिया कर्मियों का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम में पेंशनर समाज के महामंत्री रामिंसंह सोलंकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सोमेष चंद्र तिवारी, उपाध्यक्ष भंवर सिंह झाला, कोषाध्यक्ष केलाश चंद्र जोशी, संगठन मंत्री कल्लू खान, महिला उपाध्यक्ष डॉ सुशीला शर्मा, एवं संरक्षक अम्बालाल भी कार्यक्रम में मंचासीन थे।   

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