अतिक्रमण हटाया न पेमाइश कराई, मध्यस्थ की भूमिका में अधिशासी अधिकारी
illegalconstruction
-गिन्दौर गेट के निकट बिना कनवर्जन निर्माण और अतिक्रमण का मामला
झालावाड। नगर पालिका झालरापाटन अधिशासी अधिकारी अतिक्रमण हटाने के बजाय मध्यस्थ की भूमिका में आ गए। फिरियादी ने नगर परिषद के खाते दर्ज उनकी जमीन की पैमाइश कर अतिक्रमण हटाने की मांग की थी लेकिन नगर परिषद और राजस्व विभाग की टीम तहसीलदार के आदेश के बावजूद बिना काम पूरा किए लौट आई। इसके बाद अधिशासी अधिकारी मौके पर जाकर दोनों पक्षों के बीच भूमि की खरीद बेच मेंमध्यस्थ की भूमिका में आ गए।
मामला गिन्दौर गेट के पास स्थित श्रीकल्याणराय मंदिर की जमीन का है। यहां कुछ साल पहले यह भूमि नगर सेठ परिवार ने शहर की प्रतिष्ठित फर्म एसएनएलसी को बेची थी। जिस पर बिना भू उपयोग परिवर्तन और निर्माण स्वीकृति लिए चार कोठियां बना ली गई। इसमें नगर पालिका को राजस्व में एक फूटी कौडी नहीं मिली। इसके बावजूद पूरे निर्माण के दौरान नगर पालिका मूक दर्शक बनी देखती रही। निर्माण पूरा होने तक नगर पालिका ने इस अवैध निर्माण को नहीं रोका।
दूसरी ओर गेट के निकट बची करीब दो बिस्वा भूमि जो 90-बी के लिए नगर पालिका के नाम दर्ज है, उस पर भी अवैध निर्माण कर्ताआंे ने गत दिनों रातोंरात चालीस फीट की दीवार करके गेट लगा लिया।
इसके विरोध में एक दिन पूर्व नगर सेठ परिवार की शिकायत पर नगर पालिका और राजस्व विभाग की टीम नगर पालिका के खाते दर्ज भूमि की पैमाईश करने व अतिक्रमण चिन्हित कर उसे हटाने पहुंची थी। लेकिन टीम बिना पैमाईश किए ही बैरंग लौट आई। कुछ समय बाद अधिशासी अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचे और अतिक्रमण हटवाने के बजाय दोनों पक्षों के बीच जमीन का लेनदेन कर बिचौलिए की भूमिका में आ गए। लेकिन दोनों पक्षों के बीच न तो कोई सुलह करवा सके और न ही रातोंरात अतिक्रमण कर बनाए गए चालीस फीट दीवार और गेट का हटवा पाए।
राजकार्य में बाधा, प्रकरण दर्ज कराने की मांग
इसके विरोध में एक पक्ष के मोहित गुप्ता की ओर बुधवार को अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन दिया गया। जिसमें बताया कि नगर पालिका और तहसीलदार झालरापाटन के आदेश पर टीम मौके पर भूमि की मौमाइश की थी। टीम ने नगर पालिका की भूमि को नापकर चूने से रेखांकन भी किया। लेकिन एनएनएलसी परिवार के राजकुमार गुप्ता ने टीम के सदस्यों से अभद्रता करते हुए उन्हें पैमाइश करने से रोक दिया। वहां डाली गई चूने की लाइन को भी मिटा दिया। इस तरह से राजकार्य में बाधा डालते हुए सरकारी कर्मियों को काम करने से रोका गया।
ज्ञापन में अधिशासी अधिकारी से अधूरे रहे काम को पुलिस सुरक्षा के बीच तुरंत पूरा करने और अतिक्रमण हटाकर भूमि पर बोर्ड लगाने की मांग की। साथ ही पैमाईश को रोकने वालों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज कराने की मांग की।
-मै खुद मौके पर गया था। दोनों पक्षांे के बीच मिल बैठकर बात करने के लिए चर्चा हुई थी। अगर दोनों में कोई समझौता नहीं होता है तो अपनी जमीन को फिर नपवा लेंगे। जहां नगर पालिका की जमीन है वहां से अमिक्रमण हटवा देंगे।
हेमेन्द्र सिंह,
अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका झालरापाटन
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