भवानीमंडी में बढ़ता जा रहा अवैध कॉलोनियो का जंजाल, SDM ऑफिस के बगल में ही कट रही अवैध कॉलोनी
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कृषि भूमि पर काटी जा रही अनाधिकृत कॉलोनीया, नगर पालिका मिलीभगत से बांट रही पट्टे
झालावाड़ जिले के सबसे बड़े कस्बे भवानीमंडी में अवैध कोलोनियो का जंजाल दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। भूमाफिया कृषि भूमि पर भूखंड काटकर बेचते जा रहे है, बगैर भू उपयोग परिवर्तन कराए काटी जा रही इन अवैध कोलनियो से न तो राज्य सरकार को कोई राजस्व मिल रहा और न ही इनमें जनोपयोगी सुविधाएं विकसित की जा रही है।
भू माफियाओं के हौंसले इस कर बुलंद है कि भवानीमंडी एसडीएम कार्यालय के बगल में ही एक अवैध कोलनी काट दी गई। यहां धड़ल्ले से प्लाट काटकर बिक्री की जा रही है। जहां नागरिकों के लिए ना तो सड़क बनाई गई है, ना नालियां और ना ही अन्य मूलभूत सुविधाएं। केवल सडकों के नाम बीस-पच्चीस फीट की गलियां छोड दी जाती है। जो टाउन प्लानिंग के नियमों के खिलाफ है।
मिलीभगत से मिल रहे पट्टे
प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत इस तरह बसाई गई अवैध कोलनियो में नगर पालिका द्वारा धड़ल्ले से पट्टे भी बांट दिए जाते है। जबकि नियम यह है कि किसी भी कॉलोनाइजर को कॉलोनी विकसित करने से पहले कृषि भूमि का लैण्ड यूज चेंज कराना होता है। जिसके बाद टाउन प्लानर से कॉलोनी का नक्शा पास कराना पडता है। जिसमें 40 प्रतिशत भूमि सडक, पार्किंग, पार्क सहित अन्य जनोपयोगी कार्यों के लिए आरक्षित करनी होती है। साथ ही सडक, पार्क, बिजली के खंभे जैसी सुविधाएं विकसित करनी होती है। जिसके बाद ही भूखंड बेचान पर नगर पालिका पट्टे जारी कर सकती है। गत कुछ सालों में कृषि भूमि पर बसाई गई कॉलोनियों के भूखंडों पर अभियान के दौरान जारी किए गए पट्टे पूरी तरह अवैध हैं। जबकि अभियान के दौरान ऐसी कॉलोनियों के लिए भी पट्टे जारी कर दिए गए।
अधिकारियों की मिलीभगत
भूमाफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कॉलोनियों का मायाजाल बढ़ता जा रहा है जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान तो ही रहा साथ ही आम इंसान भी इन अनधिकृत कॉलोनियों में सुविधाओं के नाम पर ठगे जा रहे है। इन कॉलोनियों में कॉलोनाइजर न तो सडकें बनाकर दे रहे और न ही पार्क विकसित कर रहे। और तो और बिजली कनेक्शन के लिए खंभे का खर्च तक उपभोक्ता को ही वहन करना पड रहा है। लेकिन नगर पालिका अधिकारी इनको रोकने की हिम्मत नहीं करते।
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