खतरे ग्लोबल, उनसे निपटने के तरीके भी ग्लोबल होना चाहिए
- अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा
नई दिल्ली ( एजेंसी )। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार को इटरनेशनल लॉयर्स कान्फ्रेन्स ( अंतरराष्ट्रीय वकील सम्मेलन 2023 ) का आयोजन हुआ। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कि दुनिया के सामने खतरे ग्लोबल हैं। उनसे निपटने के तरीके भी ग्लोबल होने चाहिए। आतंकवाद हो, साइबर क्राइम हो, मनी लॉन्ड्रिंग हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या अन्य विभिन्न मुद्दों पर सहयोग के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार करने की जरूरत है। ये सिर्फ किसी शासन या सरकार से जुड़ा मामला नहीं है। इसके लिए अलग-अलग देशों के कानूनी ढांचा को भी एक दूसरे से जुड़ना होगा।
यह आयोजन बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा 23 और 24 सितंबर को किया जा रहा है। जिस का विषय न्याय वितरण प्रणाली में उभरती चुनौतियां है।
सम्मेलन में मोदी ने कहा, ’अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन वसुधैव कुटुंबकम की भारत की भावना का प्रतीक बन गई है। किसी भी देश के निर्माण में वहां की कानूनी बिरादरी की बहुत बड़ी भूमिका होती है। भारत में वर्षों से न्यायतंत्र भारत की न्याय व्यवस्था के संरक्षक रहे हैं। भारत की आजादी के 75 साल पूरे हुए। आजादी की लड़ाई में कानूनी बिरादरी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए कई वकीलों ने अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी। दुनिया आज भारत पर विश्वास क्यों करती है, इसमें भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका है। आज भारत के प्रति विश्व का जो भरोसा बढ़ रहा है, उसमें भी भारत की न्याय व्यवस्था की बड़ी भूमिका है।
पहली बार आयोजन
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न कानूनी विषयों पर सार्थक चर्चा व विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिससे कानूनी मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समझ को मजबूत किया जा सके। यह सम्मेलन देश में पहली बार हो रहा है। इसमें उभरते कानूनी रुझान, सीमा पार मुकदमेबाजी में चुनौतियां, कानूनी प्रौद्योगिकी, पर्यावरण कानून जैसे कई विषयों पर चर्चा करेंगे। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित न्यायाधीशों, कानूनी पेशेवरों और वैश्विक कानूनी बिरादरी के नेता भी शामिल होंगे।
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