भावी चिकित्सकों के अध्ययन के लिए चिकित्सक का देहदान
झालावाड मेडिकल कॉलेज
झालावाड।़ झालावाड निवसी डॉ जवाहर लाल लोढा ने एक सप्ताह पूर्व देहदान का संकल्प लिया था। शनिवार को उनके देहान्त के बाद उनका शव झालावाड मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को सौंपा।
झालावाड निवासी डॉ लोढा की पत्नी मालती जैन ने बताया कि डॉ लोढा चाहते थे कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी देह भावी चिकित्सकों के निर्माण में सहायक हो। साथ ही उनके देहदान से समाज, शहर और सभी रिश्तेदारों को प्रेरणा मिले। इसलिए पार्थिव देह को घर से मोक्ष-वाहिनी में बैंड-बाज़ों के साथ झालावाड़ मेडिकल कॉलेज तक लाया गया। जहां डॉ लोढा की बड़ी बेटी मनीषा, बेटा डॉ सिद्धार्थ और ऋतुराज व पत्नी मालती जैन ने आपसी सहमति के बाद डॉ लोढा की पार्थिव देह मेडिकल कॉलेज को सौपी। यहां शरीर रचना विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ मनोज शर्मा को व डीन डॉ पी झवर की उपस्थिति में देहदान की प्रक्रिया को संपन्न कराया गया।
उल्लेखनीय है कि अभी 7 दिन पहले ही डॉ लोढ़ा ने अपना देहदान का संकल्प पत्र भरकर मेडिकल कॉलेज झालावाड़ को सौंपा था। इस मौके पर शाइन इंडिया के ज्योति मित्र नितिन कटारिया, टीम मंजूश्री संस्थान के अजय मोमिया साथ रहे।
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