झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई टीबी सेम्पल की जांच
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-जयपुर के बाद राजस्थान का दूसरा मेडिकल कॉलेज
झालावाड। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में टीबी की जांच की सुविधा सफलता पूर्वक शुरू हो गई है। गत करीब डेढ माह में अस्पताल में टीबी विभाग में संग्रहित 138 नमूनों की जांच की गई। जयपुर के बाद राजस्थन में यह सुविधा झालावाड में शुरू हुई है।
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयलोजी विभाग की प्रमुख डॉ रूबी नाज ने बताया कि अभी झालावाड एसआरजी चिकित्सालय के टीबी रोग विभाग से आए सैम्पल की जांच की जा रही हैै। फिलहाल अभी बाहर से सैम्पल आने शुरू नहीं हुए हैं। गत सितंबर माह में यहां 62 नमूनों की जांच की गई। जिनमें से 16 रोगी टीबी संक्रमित पाए गए। जबकि 2 रोगी औषधि प्रतिरोधक श्रेणी के पाए गए। इसी तरह अगस्त में 76 रोगियों की जांच की गई। जिसमें 16 रोगी पॉजिटिव पाए गए और एक रोगी औषधि प्रतिरोधकता की श्रेणी में पाया गया।
क्या होता है एमडीआर
टीबी रोगियों में औषधि प्रतिरोधक (मल्टि ड्रग रेसिस्टेंस) श्रेणी में वे मरीज आते हैं जिन पर टीबी उपचार की सामान्य दवा असर नहीं करती। इनके शरीर में सामान्य दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। जिसके कारण ऐसे रोगियों को विशेष ऑब्जर्वेशन और उपचार की जरूरत होती है। वहीं ऐसे रोगी संक्रामकता की दृष्टि से अति संवेदनशील होते हैं। लैब के विशेषज्ञ राजाराम सूर्यवंशी, स्वपन मैसी और तनसीम ने बताया कि यहां रोगी का सैम्पल मिलने के बाद दो घंटे बाद ही ड्रग रेजिस्टेंस होने का पता चल जाता है। इस सुविधा से चिकित्सकों को आगे का उपचार करने में काफी मदद मिलेगी।
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