इस बीमारी को ना लें हल्के में-लक्षण दिखते ही डॉक्टर को दिखाएं, फैल रहा है प्रकोप
eyeflu
‘‘कंजक्टिवाइटिस होने पर चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें’’
झालावाड़। मौसम में बदलाव के साथ संक्रमण फैलना आम बात है, लेकिन अगर आंखों में कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू eye flu हुआ है तो इसे हल्के में बिल्कुल न लें। आई फ्लू एक तेजी से फैलने वाला संक्रमण है, जो इस मौसम में तेजी से फैलता है। इस फ्लू eye flu को कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। इसमें आंखों में जलन, दर्द और लालिमा जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं। इस बीमारी का मुख्य कारण एलर्जिक रिएक्शन होता है। यह संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह बच्चों को चपेट में लेता है। इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आई फ्लू eye flu के लक्षण- ऑखों को लाल होना, सूजन आना, खुजली होना, ऑखों से पीले रंग का पीप आना, ऑखों की पलको का आपस में चिपक जाना साथ ही बच्चों को आई फ्लू के साथ ही बुखार भी आ सकती है।
आई फ्लू eye flu से बचाव- हाथों को साबुन या सेनिटाईजर से साफ रखें, ऑखों को बार-बार न छुए,
आंखों की साफ पानी से धोए, संक्रमित व्यक्ति के तौलिये, रुमाल व कपडों से अपनी ऑख साफ न करे, भीड-भाड वाली जगह न जाए, आई फ्लू होने के दौरान पानी में न तैरें एवं अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखें।
आई फ्लू eye flu का उपचार- ऑखों की सफाई के लिए साफ रुमाल का उपयोग करे, ऑखों को बार-बार न छुए व खुजली होने पर न मसले, काले चश्में का उपयोग करें, कॉन्टेक्ट लेंस का प्रयोग न करें, अपने आप से दवा लेकर न डाले बल्कि चिकित्यक से परामर्श ले, आखों में धुधलापन या अत्यधिक समस्या आने पर या किसी भी प्रकार की सर्जरी के बाद आई फ्लू होने पर तुरन्त नेत्र चिकित्सक से सलाह ले।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. साजिद खान ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) की संभावना देखते हुए चिकित्सा विभाग झालावाड़ द्वारा आमजन को जागरुक करने के उद्देश्य से कार्य योजनानुसार कार्य कर रहा है। जिसमें विद्यालयों में पढने बाले छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कार्य करवाया जावेगा साथ ही विद्यालयों में होने वाली प्रार्थना सभा में रोग के लक्षण व बचाव की जानकारी दी जावेगी ताकि कम से कम बच्चें इस रोग से संक्रमित हो सके।
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