राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष के दखल के बावजूद गंभीर नहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन
-तीन चिकित्सकों से जांच करवाकर लीपापोती का प्रयास
-बिना एलाईजा टेस्ट किए ब्लड चढाने का मामला
-झालावाड मेडिकल काॅलेज
झालावाड। झालावाड मेडिकल काॅलेज के ब्लड बैंक में बिला एलाइजा टैस्ट किए 15 माह तक रोगियों ब्लड चढाने के मामले को राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष के दखल के बावजूद अस्पताल प्रशासन हल्के में ले रहा है। अस्पताल प्रशासन डेढ माह में दूसरी बार जांच टीम से जांच करवा रहा है। इस जांच टीम में भी तीनों इसी अस्पताल के ही चिकित्सक हैं जबकि टीम में प्रशासनिक और लेखाधिकारी का शामिल होना अनिवार्य था।
इस मामले में पहली बार हुई जांच में कई प्रकार की खामियां होने का मामला मीडिया में सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच रिपोर्ट जिला कलक्टर को भजने के बजाय दूसरी जांच कमेटी बना दी। जिसमें डाॅ दीपक गुप्ता, डाॅ अजय भार्ग और डाॅ चेतना जैन को शामिल किया गया था। जबकि पूर्व की जांच टीम में भी तीनों चिकित्सक ही शामिल किए गए थे। अब दूसरी दूसरी टीम की द्वारा जांच पूरी होने और जांच रिपोर्ट तैयार किए जाने की संभावना है। जबकि इस मामले में रक्त की जांच किए बिना रोगियों को चढाने के गंभीर मानवीय लापरवाही के साथ ही आर्थिक अनियमितता का भी मामला जुडा है। लेकिन मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डाॅ शिवभगवान ने अपने आसपास के तीन चिकित्सकों की कमेटी बनाकर फिर से जांच करवा ली। जबकि इस प्रकार के गंभीर प्रकरण में एक प्रशासनिक अधिकारी और लेखा विभाग के अधिकारी का शामिल होना अनिवार्य था।
जबकि अस्पताल प्रशासन का आलम यह है कि इस मामले में राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड के दखल के बावजूद अस्पताल प्रशासन मामले के प्रति गंभीर नहीं है।
यह था मामला
ब्लड बैंक में प्रकरण सामने आने के पहले गत 15 माह से बिना एलाइजा टेस्ट किए ही रोगियों को रक्त चढाया जा रहा था। इस दौरान बडी संख्या में कार्ड टेस्ट किए गए। यह कार्ड कई गुना महंगी दर पर खरीदे गए। जिसमें करोडों रूपए की हेराफेरी की गई। दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन द्वारा अस्पताल की मशीन को ठीक कराने या वीआरडीएल लैब में रखी मशीन का भी उपयोग नहीं किया।
जनाना अस्ताल में भी किट खरीद की तैयारी
अस्पताल प्रशासन ने इधर जनाना अस्पताल में जरूरत नहीं होने के बावजूद नई एलाईजा टेस्ट मशनी लगवा ली। जो सशर्त दानदाता की ओर से लगाई गई है। इसकी शर्त यह है कि इस मशीन में काम आने वाले समस्त यूजेबल किट वहीं कंपनी सप्लाई करेगी जो मशीन को दान कर रही है। अब अस्पताल प्रशासन ने इसके किट खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
-जांच तो पूरी कर ली है लेकिन रिपोर्ट अभी नहीं आई है। शायद परसों तक रिपोर्ट दें। जांच में क्या है ये पढ़ने के बाद ही पता चलेगा। आर्थिक अनियमितता का मैटर है तो जांच टीम ने उसे भी देखा है, कोई कमी होगी तो आने पर पता चलेगा।
डाॅ शिवभगवान,
प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक, झालावाड मेडिकल काॅलेज
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