सभी स्कूलों का पाठ्यक्रम समान, चलेंगी एनसीईआरटी की पुस्तकें, सरकार कर रही विचार
Schoolbooks
निजी विद्यालयों के प्रति मेरी सोच सकारात्मक- दिलावर
-आरटीई की वार्षिक समीक्षा और स्कूल मान्यता में सुधार के प्रयास
कोटा। राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि प्रदेश में संचालित निजी विद्यालयों के प्रति मेरी सोच सकारात्मक है और निजी विद्यालयों के संचालन में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए मेरा विभाग पूरी तरह आपके सहयोग के लिए तत्पर है।
दिलावर कोटा में बालाजी नगर स्थित नगर विकास न्यास के सभागार में शिक्षा स्कूल शिक्षा परिवार द्वारा आयोजित निजी शिक्षकों के स्वागत सम्मान एवं परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। दिलावर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में निजी विद्यालय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं और सबको शिक्षा उपलब्ध कराने के सरकार के उद्देश्य में कंधे से कंधा मिलाकर सरकार का सहयोग कर रहे हैं। दिलावर ने कहा कि सरकारी स्कूल 82 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं,जबकि निजी क्षेत्र के विद्यालय 85 लाख छात्रों छात्रों को शिक्षा से जोड़ रहे हैं।इतना ही नहीं आप बड़ी संख्या मे बेरोजगार शिक्षको को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे है । यह वास्तव मे एक बड़ी समाज सेवा का कार्य है।
दिलावर ने कहा कि आपकी मांग के अनुरूप आरटीई की वार्षिक समीक्षा जिला शिक्षा अधिकार के स्तर पर करने की बजाय मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के स्तर पर करने। स्कूल की मान्यता के लिए रजिस्ट्री करवाने के बजाय पुरानी व्यवस्था अनुसार नोटरी करवाने की मांगों पर सकारात्मक विचार कर निर्णय किया जायेगा।
शिक्षा मंत्री श्री दिलावर ने सांप्रदायिक लक्षित हिंसा अधिनियम 2012, वक्फ अधिनियम 2013 को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। और लोगो से भाजपा को वोट देने की अपील की।
सभी स्कूलों के पाठ्यक्रम समान, एक जैसी पुस्तकें होंगी
दिलावर ने कहा कि सरकार विचार कर रही है की प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म एक समान हो ताकि बच्चो के मन मे किसी प्रकार की हीन भावना पैदा ना हो और अमीर गरीब का भेद भी मिटे। इसी प्रकार सभी स्कूलों के पाठ्यक्रम भी समान करने पर विचार किया जा रहा है। सभी निजी विद्यालयों में सरकारी स्कूलों की तरह एनसीईआरटी की पुस्तके पढ़ाई जायेंगी जो की अपेक्षाकृत सस्ती होगी। जिस से अभिभावकों पर महंगी पुस्तके खरीदने का बोझ कम होगा।
पूर्व सैनिकों को बीएड की पात्रता
मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक सेना मे सेवा देते है। वहा उनका शिक्षा प्रशिक्षण भी होता है परंतु सेना के शिक्षक प्रशिक्षण की अवधि प्रदेश मे संचालित बी एड कोर्स से थोड़ी कम होती है। जिस कारण शिक्षक भर्ती मे पूर्व सैनिकों को पत्र नही माना जाता । अब हम पूर्व सैनिकों को भी बी एड के बराबर पत्र मानेंगे और प्रदेश मे शिक्षक बनने का मौका देंगे। दिलावर ने कहा की इतना ही नहीं शहीद हुए सैनिकों की विधवा को भी अब शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।अभी ऐसा प्रावधान राजस्थान मे नही है,परंतु शिक्षा विभाग इस को लेकर प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजेगा ताकि शीघ्र ही नियुक्ति का रास्ता साफ हो सके।
Share this news
Comments