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*अवैध कॉलोनियों के रहवासी हो रहे परेशान, लगा रहे नगर परिषद के चक्कर*

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-नियमितीकरण की कार्यवाई रुकी-

-जिन कॉलोनियों को नप ने अवैध माना, कॉलोनाइजर ने बताया वैध, 25 में से 5 पर स्टे, एक पर भी नही दर्ज हुई FIR

-MP के भैंसोदा मंडी का मामला 

भवानीमंडी . भैसोदा नगर परिषद की अवैध कॉलोनियों में शासकीय परमिशन व मूलभूत सुविधाएं नही मिलने से लोग परेशान हो रहे है। जागरूकता के अभाव में अवैध कॉलोनाइजरों की ठगी का शिकार हुवे लोगो को शासकीय नियमो की आंखमिचोली के दुष्परिणाम भुगतने को मजबूर होना पड़ रहा है। अपना आशियाना बनाने का सपना देखने वाले लोगो को भवन निर्माण स्वीकृति के लिए नगर परिषद के चक्कर काटने पड़ रहे है। दस्तावेज की नाकाफी के कारण मध्यवर्गीय लोगो को बैंक से होम लोन भी नही मिल पा रहा। बिजली, पानी कनेक्शन   जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए निराश होना पड़ रहा है। बता दे कि 2 वर्ष पहले तत्तकालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने पूर्व आवासीय मंत्री भूपेंद्र सिंह की मांग पर 2016 से पूर्व निर्मित प्रदेश की समस्त अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी, जिसके बाद 2022 तक बनी कॉलोनियों को वैध करने की बात सामने आई। पर इस फैसले को आज तक जमीनी स्तर पर पूर्ण रूप से लागू नही किया जा सका। अब मोहन सरकार इस फैसले को बदलने जा रही है, जिसमे अवैध कॉलोनाईजर पर रासुका तो लगेगी ही, साथ ही जिस तहसील में अवैध कॉलोनी कटेगी, वहां के अफसरों पर भी गाज गिरेगी। गौरतलब है कि भैसोदा नगर परिषद द्वारा अबतक चिन्हित 25 में से 20 कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है। पर शेष 5 अवैध कॉलोनियां जो घनी आबादी में बसी है, आपत्ति के कारण वैध नही की जा सकी। जिसमें सर्वे नबंर 2327/ 6 के अंतर्गत आने वाली 4 व एक अन्य कॉलोनी शामिल है।

पांच पर लगा स्टे, कॉलोइजर ने वैध होने का किया दावा*

नगर परिषद भैसोदा जो पहले पंचायत हुवा करती थी। 2 जुलाई 2020 में नगर परिषद के रूप में गठन हुआ। अवैध कॉलोनियों की वैध होने की घोषणा के बाद नगर पालिका कॉलोनी विकास अधिनियम 2021 के तहत 2016 से पूर्व पंचायतकालीन समय में नगर परिषद द्वारा कुल 25  अवैध कॉलोनियों को चिन्हित कर वैध करने की कार्यवाई शुरू की गई थी, जिसमे 20 को तो वैध कर लिया गया, बाकी 5 पर आपत्ति के कारण वैध करने की कार्यवाई रुकी हुई है। कारण बताते हुवे भानपुरा तहसीलदार विनोद शर्मा ने बताया कि कॉलोनाईजर ने यह दावा करते हुवे आपत्ति दर्ज कराई कि ये सब कॉलोनियों ग्राम पंचायत के समय नियमानुसार वैध करवाई गई थी। जिसके क्रम में नोटिस जारी कर वैध होने के दस्तावेज प्रस्तुत करने को लिखा है।

*रासुका तो दूर एफआई तक नही हुई*

मध्यप्रदेश कॉलोनी विकास अधिनियम 2021 के अंर्तगत अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। भैसोदा नगर परिषद द्वारा नियमानुसार 20 कॉलोनाइजरों के खिलाफ पुलिस चौकी में शिकायत दी गई। पर रासुका तो दूर आज तक एक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज नही हो पाई। प्रशासनिक उदासीनता और स्थानीय निकाय के ढुलमुल रवैये के चलते अवैध कॉलोनाइजरों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। 
 
भैसोदामण्डी निवासी दिलीप पालीवाल पुत्र रमेश पालीवाल निवासी अम्बिका नगर ने बताया कि 10×15 की दुकान भैसोदामण्डी के अम्बिका नगर प्रस्तावित बस स्टैंड के पास है, जिसकी भवन निर्माण स्वीकृत लेने नगर परिषद गया था तो स्टे लगे होने का बोलकर परमिशन नही दी गई, जिस वजह से बैंक से लोन भी अटक गया। तब चेयरमैन पति से पूछा तो बोले कौन रोक रहा है, परमिशन बाद में ले लेना, सिर्फ पेलेंटि तो ही लगेगी।
 
दिलीप पालीवाल निवासी भैसोदामण्डी
 
अवैध कॉलोनियों के नियमतिकरण की कार्यवाई जारी है, दावे- आपत्तियों की सुनवाई कलक्ट्रेट में जारी है। रासुका जैसी कोई गाइडलाइन अभी तक हमारे पास शासन से नही आई है, 2022 तक की कॉलोनियों को वैध करने के नियम है।
 
गरिमा पाटीदार, डूडा अधिकारी मन्दसौर

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