Card Image ""

चौदह लाख खर्च कर कागजों में बनाया मॉडल तालाब, न पानी न सौन्दर्यीकरण

mgnrega

-खानपुरिया ग्राम पंचायत के उण्डल का मामला

-नरेगा में फर्जीवाडा कर उठा रहे पैसा  

झालावाड। झालरापाटन ग्राम पंचायत के खानपुरिया ग्राम पंचायत के कारिन्दों ने गांव उण्डल में पहले से निर्मित तलाई को मॉडल तालाब के रूप में विकसित करने एवं घाट निर्माण के लिए नरेगा के तहत 13 लाख 70 रूपए खर्च किए थे। सत्र 2020-21 के सत्र में खर्च इस मोटी रकम से पक्के काम के नाम पर तो एक ईंट तक नहीं लगाई गई। जबकि मॉडल के तालाब के नाम पर इतनी बारिश के बावजूद तालाब में कुछ गड्ढे पानी से भरे दिखाई देते हैं। 

केन्द्र सरकार की ओर से 100 दिन के रोजगार की गारंटी में किस कदर धांधली हो रही है ये देखना है तो थर्मल पावर प्लांट के निकट उंण्डल गांव चले जाईए। यहां गांव के तलाई को मॉडल तालाब के रूप में विकसित करने और घाट निर्माण के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान नरेगा के तहत करीब 14 लाख रूपए स्वीकृत हुए थे। इसमें से ग्राम पंचायत ने सामग्री मद में एक लाख 74 हजार व श्रमिकों के मद में 11 लाख 96 हजार रूपए खर्च किए है। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में पानी नहीं रहने से आसपास के लोगों सहित अन्य ठेकेदार यहां से जेसीबी से मिट्टी खोदकर ले जाते है। यह सिलसिला अभी तक बदस्तूर जारी है। जबकि कागजों में ग्राम पंचायत इसे 2021 में ही मॉडल तालाब के रूप में विकसित कर चुकी है। इस मॉडल तालाब की अवधारणा है कि ऐसा तालब बनाया जाए जिसमें हर मौसम में स्वच्छ पानी भरा रहे। लेकिन उडल के तालाब तो सावन में खाली पडा है। जिसके कारण आज भी ठेकेदार व अन्य लोग जेसीबी से विकृत आकृतियों के गहरे गड्ढे कर मिट्टी खोद रहे है, और तालाब के स्वरूप को बिगाडते जा रहे है। 

एक ईंट नहीं लगाई एक लाख 74 हजार में 

दूसरी ओर मॉडल तालाब सौन्दर्यीकरण, पौधारोपण और उद्यान, बैठने के लिए सीमेन्ट की सीढियां, स्नानघाट, पाल पर चढने के लिए सीढियां और हमेशा स्वच्छ जल भरा रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। ग्राम पंचायत ने यहां सामग्री मद में एक लाख 74 हजार रूपए खर्च किए हैं। लेकिन पूरे तालाब पर पक्के काम के नाम पर कहीं एक ईट तक लगी दिखाई नहीं देती।  

ये होता है मॉडल तालाब

मॉडल तालाब की संकल्पना ऐसे तालाब से की जाती है जिसमें हर मौसम में स्वच्छ जल भरा रहे। इसके लिए हमेशा पानी भरा रखने की व्यवस्था हो। तालाब में सीढियां, स्नाघाट, स्टोन पिचिंग, पौधारोपण, बैठने के लिए बेंच, पेयजल सहित सौन्दर्यीकरण के अन्य उपाय किए जाने चाहिए। 

श्मशान का हो सकता था विकास

इस तालाब के निकट ही गांव का श्मशान है। जिसके आसपास खुली जगह भी है। ग्राम पंचायत इस रकम को ईमानदारी से खर्च कर तालाब और श्मशान का विकास कर सकती थी। लेकिन श्मशान में भी शव दाह के लिए लगाए गए टीन और चबूतरों के अलावा कोई विकास कार्य दिखाई नहीं देता। शव दाह में आए ग्रामीणों के लिए बैठने के लिए छाया और बेंच जैसी कोई सुविधा नहीं है। और तो और ग्राम पंचायत ने आसपास खाली पडी जमीन में पौधे तक लगाने की जहमत नहीं उठाई। तालाब खाली पडा है और स्नान के लायक स्थान नहीं है। जाहिर है ग्रामीणों को अपने घर  जाकर ही नहाना पड़ता होगा। ऐसे में ऐसी संवेदनहीन ग्राम पंचायत से वहां ट्यूबवैल लगाने की उम्मीद करना बेमानी ही होगा।  

-मेरे टाईम उण्डल की दो तलाईयों में काम हुआ था। लेकिन पूरी पंचायत में मेरे समय में किसी में पक्का काम नहीं हुआ। सारे काम मिट्टी खुदाई के ही हुए हैं। नरेगा में कोई पक्के काम कराता भी नहीं। लेकिन सामग्री मद में बजट उठा है तो रिकार्ड देखकर बताउंगी। 

गुलरेना, ग्राम विकास अधिकारी (तत्कालीन)

ग्राम पंचायत खानपुरिया

  

 

 

Card Image ""

Share this news



Comments

 Comments Added Successfully!
 Posting...

User Image
journalist

Pradyumn Sharma: A Dedicated Voice in Journalism Pradyumn Sharma is a prominent journalist known for his significant contributions to the field of journalism through his work with "Styarth Kranti," a media outlet dedicated to spreading awareness about important societal issues. With a keen sense of investigative reporting and a passion for uncovering the truth, Sharma has made a name for himself as a reliable source of information.


Email Address
psharma.parth@gmail.com

Phone Number
+91 9929309284

Website
https://satyarthkranti.com

Connection :
Facebook

Advertising




Tag Clouds


#headlines
#todaysnews
#newsupdate
#news
#newstoday