गलत दवा देने से मौत के मामले में जांच के आदेश, जिला कलक्टर ने लिया संज्ञान
Drug
- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ड्रग इस्पेक्टर को सौपी जांच
-सत्यार्थ क्रांति की खबर पर हुई कार्रवाई
झालावाड। भवानीमंडी के एक निजी चिकित्सालय में रोगी को दी गई गलत दवा से रोगी की मौत के मामले को जिला कलक्टर ने गंभीरता से लिया है। जिला कलक्टर के आदेश पर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी ने जिला ड्रग अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
भानपुरा की एक साठ वर्षीय वृद्धा को भवानीमंडी के स्टार अस्पताल में सिरदर्द की दवा के बदले ब्लड प्रेशर की दवा दे दी थी। जिसके बाद महिला का मानसिक संतुलन बिगड गया और मौत हो गई। शिकायतों के बाद भी पुलिस और प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज। इस मामले में एक दिन पूर्व समाचार के प्रकाशन के बाद मंगलवार को जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड ने पूरे प्रकरण को गभीरता से लिया। उन्होंनें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ साजिद खान को प्रकरण की जांच करवाने के लिए आदेश दिए। जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला ड्रग अधिकारी सुरेन्द्र पारेता को जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किया। बुधवार से प्रकरण की जांच शुरू की जाएगाी।
-भवानीमंडी निजी अस्पताल में गलत दवा देने के मामले में जांच कमेटी बना दी है। कलक्टर साहब के आदेश पर ड्रग अधिकारी को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट दने के लिए कहा है।
डॉ साजिद खान, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
पढें, ये था मामला
मध्यप्रदेश में भानपुरा के लोटखेडी निवासी अधिवक्ता निर्मल कुमार धाकड गत 17 मार्च को अपनी पत्नी साठ वर्षीय किरण बाला का उपचार कराने भवानीमंडी के स्टार हॉस्पिटल गए थे। यहां न्यूरो फिजीशियन डॉ प्रशांत श्रंगी ने उनकी जांच कर दवाएं लिखी। ये दवाएं उन्होंने अस्पताल परिसर में स्थित मेडिकल स्टोर से खरीदी। जहां उन्हें चिकित्सक द्वारा लिखी दवा ओलेनल 5 एमजी के बजाय एमलोकाइंड 5 एमजी दे दी गई। जबकि उनके रक्तचाप की दवाएं पूर्व से ही चल रही थी। रक्तचाप की दवा की दोहरी खुराक से वे बेहोश हो गई और उनका मासिक संतुलन बिगड गया। उन्होंने भानपुर के ही फिजीशियन डॉ प्रशांत शर्मा को दिखाया तो उन्होंने बताया कि जो दवा उन्हें दी गई है वह डॉ ने लिखी ही नहीं। उन्हें मनोविकार की दवा के स्थान पर रक्तचाप की दवा दे दी गई जिसके डबल डोज से उनका मासिक संतुलन और खराब हो गया। उनकी सलाह पर वे अपनी पत्नी को कोटा के मनोचिकित्सक डॉ वीरेन्द्र मेवाडा के पास ले गए। लेकिन पूर्व में ली दवा के असर से उनका ब्लड प्रेशर सामान्य से बहुत कम हो गया और 22 अप्रेल को पीडिता की मौत हो गई।
शिकायतों का कोई असर नहीं, कोर्ट के आदेश पर एफआईआर
पीडिता ने उपचार के दौरान ही झालावाड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, भावानीमंडी पुलिस थाने में मामले की शिकायत दी। लेकिन पुलिस और चिकित्सा विभाग ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद पीडित ने भानपुर न्यायालय में इस्तगासा पेश किया। जहां से न्यायालय के आदेश के बाद भवानीमंडी थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धार 304 ए के तहत प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें स्टार मल्टि स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के प्रबधक, अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर के प्रबंधक और डॉ प्रशांत श्रंगी को आरोपी बनाया गया है।
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