दस में से आठ कॉम्पलेक्स पर ताले, सवा दो सौ सफाईकर्मी कागजों में
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-भवानीमंडी नगर पालिका में सफाईकर्मियों के नाम फर्जीवाडा
-दो कॉम्पलेक्स ही चालू
झालावाड़। भवानीमंडी नगर पालिक में सफाईकर्मियों के नाम पर प्लेसमेंट ऐजेंसियां नगर परिषद अधिकारियोें के साथ मिलकर किस तरह फर्जीवाडा कर रही है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण शहर में बनाए गए कॉम्पलेक्स हैं। शहर में आम जन की सुविधा के लिए दस शौच-टॉयलेट कॉम्पलेक्स बनाए हैं लेकिन दो सौ से ज्यादा सफाईकर्मी होने के बावजूद आठ कॉम्पलेक्स बंद और बदहाल पडे है।
भवानीमंडी नगर पालिका के पास 133 स्थाई सफाईकर्मी है। जबकि 80-90 सफाईकर्मी विभिन्न प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगा रखे हैं। इसके बावजूद स्वच्छ भारत मिशन और अन्य कोष से लाखों रूपए खर्च करके बनाए गए सुविधा कॉम्पलेक्सों पर ताले लगे है। शहर के विभिन्न इलाकों में दस कॉम्पलेक्स बनाए गए है। लेकिन नगर पालिका इनमें से दो का ही संचालन कर रही है। जबकि अन्य पर कर्मचारी नहीं होने के कारण ताले लगे हैं। देखरेख के अभाव में ये गंदे और जर्जर हो चुके हैं।
ढाई गली पर एक सफाईकर्मी
भवानीमंडी शहर की बसावट करीब एक से सवा वर्ग किलोमीटर के दायरे में है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां 8 हजार 333 परिवार निवास करते थे जिनकी आबादी 42 हजार 283 थी। एक अनुमान के मुताबिक देश की आबादी गत जनगणना के बाद 17 प्रतिशत बढना बताया जा रहा है। इसी को आधार मान लें तो भवानीमंडी में वर्तमान में अनुमानित दस हजार परिवारों पर पचास हजार से अधिक जनसंख्या नहीं होगी। इनकी सफाई व्यवस्था को संभालने के लिए नगर परिषद के पास 133 स्थाई और 90 ठेका सफाईकर्मी तैनात है। यानी 40-45 मकानों की बस्ती पर एक सफाईकर्मी तैनात है। इसके बाबवजूद शहर में जगह जगह गंदगी के अंबार लगे है और कॉम्पलेक्स बंद। जिससे लोगों को सडकों-बाजारों में औने कौने देखकर टॉयलेट करना पडता है। ऐसे में महिलाओं और किशारियों को खासी पीडा झेलनी पडती है। बाजार में किसी काम से निकली महिला को वापस घर लौटने पर ही शिकायत से निवृत्ति मिल पाती है। जबकि स्वच्छ भारत अभियान के तहत इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकारों ने अच्छा खासा बजट नगर पालिका को उपलब्ध कराया है।
अत्याधुनिक कॉम्लेक्स से कीमती सामान गायब
स्वच्छ भारत मिशन के दौरान शहर में 2 अत्याधुनिक वातानुकूलित कॉम्पलेक्स का निर्माण किया गया था। लेकिन इन कॉम्पलेक्सो के ऐसी सहित कीमती सामान गायब हो चुके हैं और अब बदहाल स्थिति में है। इनमें से एक का ही संचालन किया जा रहा है।
ये बन्द पड़े हैं
1. गाडोलिया लुहार बस्ती सुलभ शौचालय
2. सब्जी मंडी सुलभ शौचालय
3. राजस्थान- एमपी बॉर्डर पर बना सुलभ शौचालय
4. सरकारी अस्पताल सुलभ शौचालय
5. कृषि उपजमण्डी सुलभ शौचालय
6. पचपहाड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
7. इंदिरा रसोई वृद्धा आश्रम सुलभ शौचालय
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