कागजों में लगाई पौने पांच लाख की टंकी, यात्री ढूंढ रहे हैं पीने का पानी
panchayatiraj
-तीतरवासा पंचायत में भ्रष्टाचार का खेल
-सरंपच जनजाति की महिला, आज भी कच्चा घर
-तीन गुनी कीमत में लगा स्कूल में आरओ
झालावाड। झालरापाटन पंचायत समिति की ग्राम पंचायत तीतरवासा में जनजाति की कम शिक्षित महिला संरपंच होने का फायदा पंचायत के कारिन्दे उठा रहे है। लोगों की प्यास बुझाने जैसे पुण्य का काम भी मौके पर दिखाई नहीं दे रहे जबकि लाखों रूपए उठा लिए गए।
ग्राम पंचायत मुख्यालय तीतरवासा के रूण्डलाव चौराहे पर ग्राम पंचायत ने वित्तीय सत्र 2022-23 के दौरान ही यात्रियों के लिए पीने के पानी की टंकी स्थापित की है। लेकिन इस किया गया खर्च जानकार आप चौंक जाएंगे। विकास कार्य क्रमांक 2022-23ध्20511 से हुए इस कार्य कार्य पर ग्राम पंचायत ने 4 लाख 69 हजार 560 रूपए खर्च किए गए हैं। लेकिन गांव के रूण्डलाव चौराहे पर आज तक ऐसी कोई टंकी का निर्माण नहीं किया गया। यहां ग्रामीणों का कहना था कि लोगों के प्यास बुझाने के लिए लोग अपना धन खर्च कर पुण्य के काम करते हैं। लेकिन रूण्डलाव चौराहे पर पंचायत ने कोई पानी की टंकी नहीं नहीं लगाई।
स्कूल मंे लगा पौने चार लाख का आरओ
ग्राम पंचायत के गांव बीरियाखेडी के उच्च प्राथमिक विद्यालय में सत्र 2018-19 के दौरान आरओ और वाटर कूलर ग्राम पंचायत ने सांसद कोष से लगाया था। ग्राम पंचयत ने इस कार्य पर 3 लाख 71 हजार 280 रूपए खर्च किए है। स्कूल में लगे आरओ और वाटर कूलर की क्षमता के अनुसार ये कार्य आज की दर से भी करीब सवा लाख रूपए का है। वर्तमान में 150 लीटर क्षमता का वाटर कूलर 70 हजार रूपए के आसपास आ रहा है। जबकि इसी क्षमता के आरओ की कीमत गुणवत्ता के अनुसार 25 से 50 हजार के बीच है। यदि फिटिंग का खर्च पांच-सात हजार और जोड लिया जाए तो ये कार्य करीब सवा-डेढ लाख रूपए का है।
जनजाति की सरपंच, आज भी कच्चा घर
तीतरवासा पंचायत की सरपंच नन्दूबाई भील है। वे अपने काम को उनके पति नानूराम की देखरेख में करती है। वे दोनों ही कम पढे लिखे है। उनका पांच साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, लेकिन आज भी कच्चे घर में ही रहते हैं।
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