झालावाड़ से उज्जैन रेल लाइन के तीन रूट प्रस्तावित, 160 किमी प्रतिघंटा की गति से दौड़ेगी ट्रेनें
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-तीन अलग-अलग रूट वाली योजना का ब्लू प्रिंट तैयार, एक पर लगेगी मुहर
झालावाड। झालावाड़-उज्जैन रेल लाइन पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से ट्रेनें दौड सकेगी। रेलवे ट्रेक के लिए हाल ही में तैयार किए गए ब्लू प्रिंट में झालावाड से आगर तक ट्रेन रायपुर-सोयत होते हुए जाएगी। लेकिन आगर से उज्जैन तक तीन अलग अलग मार्ग प्रस्तावित है जिनमें से मंत्रालय एक मार्ग का चुनाव करेगा।
झालावाड से उज्जैन के लिए सीधी रेल सेवा शुरू करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने योजना की डीपीआर तैयार कर ली है। योजना के तहत आगर से उज्जैन के बीच तीन मार्ग प्रस्तावित किए है। इनको पिंक, ब्लू और रेड नाम दिया गया है। पिंक योजना में 2836 करोड़, ब्लू योजना 2727 करोड़ और रेड योजना में 2697 करोड़ रुपये खर्च होना प्रस्तावित है।
तीनों योजना में उज्जैन से आगर तक का रूट अलग-अलग होने से पटरी की लंबाई, कर्व और मुख्य पुलों की संख्या में अंतर है। जिससे खर्च की राशि भी अलग अलग है। इनमें से मंत्रालय को जो योजना पसंद आएगी उसे ही धरातल पर उतारा जाएगा।
उज्जैन से झालावाड़ तक का सफर
लोगों को उज्जैन से झालावाड़ तक का सफर वाया आगर, सुसनेर, सोयतकलां, रायपुर कराने के लिए इसी वर्ष फरवरी में केंद्रीय रेल मंत्री ने विस्तृत कार्य योजना बनाने को 4 करोड़ 75 लाख रुपये की मंजूरी दी थी। इसके पालन में रेलवे ने प्राथमिक स्तर पर तीन योजना बना कर 10 दिन पहले 5 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के उज्जैन से सांसद अनिल फिरोजिया के समक्ष प्रजेंटेशन दिया था। कहा गया है कि अभी योजना को अंतिम रूप देना शेष है।
इतनी दूरी-इतनी लागत
तीनों योजना अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने को ध्यान में रखकर बनाई है। तीनों योजना में उज्जैन से आगर तक का रूट अलग-अलग है।
पिंक योजना - ये मार्ग उज्जैन से सुरासा, खेड़ावदा, पिपलोनकलां, आगर है। पिंक योजना 189.100 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 38 कर्व, 64 पुल बनाना प्रस्तावित है।
ब्लू योजना -ये मार्ग उज्जैन से उज्जैनिया, ढाबलाखुर्द, आगर है। ब्लू योजना 181.80 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 37 कर्व और 45 पुल बनाना प्रस्तावित है।
रेड योजना - ये मार्ग उज्जैन से जगोटी, पिपलोनकलां, आगर। रेड योजना 177.860 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 36 कर्व और 34 पुल बनाना प्रस्तावित है।
झालावाड को मिलेगा जंक्शन का दर्जा
अभी झालावाड से उज्जैन व इन्दौर जाने के लिए लोगों को बस से सफर करना पडता है। जो अधिक थकाउ और महंगा होता है। ये मार्ग बनने के बाद झालावाड स्टेशन को जंक्शन का दर्जा मिलेगा और जयपुर इन्दौर के बीच कई ट्रेनों को आसान मार्ग मिलेगा। जिससे मध्यप्रदेश के मालवा और हाडौती के लोगों को इन्दौर से जयपुर के बीच सफर करने का नया सस्ता और सुलभ मार्ग मिलेगा। साथ ही गुड्स ट्रेने चलने से इस क्षेत्र में निकलने वाले खनिज, व संतरा, लहसुन, धनिया, सरसों, सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों को सस्ता परिवहन मिलेगा।
अभी मालवा के लोगों को ट्रेन द्वारा उज्जैन से झालवाड़ जाने के लिए लोगों को रामगजंमंडी स्टेशन उतरना होता है। यहां से झालावाड़ जाने के लिए प्रतिदिन सुबह 8.10 बजे, दोपहर 3.58 बजे और रात 8.45 बजे ट्रेन मिलती है।
उज्जैन से झालावाड़ का सफर आसान बनाने के लिए पिछले साल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने उज्जैन से घोंसला तक का रास्ता फोरलेन सड़क में तब्दिल किया है। इसके आगे झालावाड़ तक सड़क 10 मीटर चौड़ी की है। सिंहस्थ- 2028 से पहले इस हिस्से को भी फोरलेन में तब्दील करने की योजना प्रस्तावित है।
सन् 1932 से 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच चलती थी ट्रेन
सन् 1932 से 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच नैरोगेज ट्रेन चलती थी। उस समय चलने वाली ट्रेन का जेडबी टाइप का इंजिन (तब की कीमत एक लाख 61 हजार 276 रुपये) आज भी उज्जैन रेलवे स्टेशन परिसर में खड़ा है। पश्चिम मध्य रेलवे एक दशक पहले झालावाड़ से रामगज मंडी तक रेल लाइन बिछाकर ट्रेन का संचालन शुरू करा चुकी है मगर झालावाड़ से उज्जैन के बीच रेल अब भी कागजों पर ही चल रही है।
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