तहसील न्यायालय ने मांगा जवाब, 16 तक पेश करो कृषि उपयोग के दस्तावेज
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-कृषि भूमि पर आवासीय प्रयोजन से भूखंड बेचने वालों पर राजस्व विभाग की कार्रवाई
-तीन जमीनों के 11 खातेदारों को नोटिस
झालावाड। काश्तकारी जमीनों पर बगैर भू रूपांतरण कराए लोगों को आवासीय भूखंड बेचने वालों के खिलाफ पचपहाड तहसील न्यायालय ने नोटिस जारी कर दिए हैं। काश्तकारी जमीन को छोटी छोटी जोत में बांटकर बेचने वालों को यह प्रमाण प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं कि उनके द्वारा कृषि भूमि पर वर्तमान में खेती की जा रही है।
भवानीमंडी शहर में कृषि भूमि को बिना भू उपयोग परिवर्तन कराए धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। भू माफियाओं के इस गौरखधंधे पर नकेल कसने के लिए राजस्व विभाग ने तीन कॉलोनियों की भूमि के 11 खातेदारों को नोटिस भेजे हैं। जिसमें खातेदार से जवाब मांगा गया है कि बगैर कन्वर्ट कराए सबंधित कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ उपयोग किस हक से किया जा रहा है। तहसील न्यायालय ने 16 दिसम्बर तक इसका जवाब और भूमि का कृषि कार्य में उपयोग लिए जाने के दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
ऐसे हुई कार्रवाई
भवानीमंडी एसडीएम कार्यालय के पास एक कृषि भूमि पर कॉलोनाइजरों ने मुड्डियां और बिजली के पोल गाडकर आवासीय कॉलोनी के नक्शे के मुताबिक भूखंडों का बेचान कर दिया। इनमें कई भूखंडों को आवासीय प्लाट बताकर कृषि भूमि को ही छोटी छोटी कृषि जोतों में विभक्त कर बेचान कर दिया। जिनकी रजिस्ट्रियां भी खरीददारों के नाम करवा दी। सत्यार्थ क्रांति न्यूज पोर्टल में 3 जुलाई को इसका समाचार प्रकाशित किया था। जिस पर तहसीलदार ने कार्रवाई करते हुए इस कृषि भूमि के अकृषि प्रयोजन से बेचान की मौका रिपोर्ट करवाकर इसे सिवायचक में दर्ज करने की सिफारिश एसडीएम को भेजी। जिसके बाद एसडीएम ने आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने और राजस्व न्यायालय में सुनवाई करने के निर्देश दिए थें।
उपखंड मजिस्ट्रेट ने तहसीलदार को सरकार पैरोकार या स्वयं के माध्यम से प्रकरण को राजस्व न्यायालय में दर्ज करने के निर्देश दिए थे। जिसमें कृषि भूमि के बेचान कर्ताओं को नोटिस जारी कर छोटे छोटे टुकडांें में कृषि भूमि के बेचान और उपयोगिता पर उनका पक्ष तलब करने को कहा था। उन्होंने प्रकरण की सुनवाई कर समस्त दस्तावेजों सहित भूमि की मौका रिपोर्ट को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 175-177 के तहत कार्रवाई के लिए पेश करने के निर्देश दिए हैं।
एक हजार फीट पर कैसे होगी खेती
तहसीलदार पचपहाड की ओर से गत 1 अक्टूबर 2024 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 175-177 के तहत एक कृषि भूमि का बिना भू रूपांतरण कराए अकृषि प्रयोजन से खरीद बेचान पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। इस भूमि के खातेदारों ने आवासीय कॉलोनी के ले आउट-नक्शा के अनुसार कृषि भूमि को छोट छोटे भूखंडों में विभक्त किया है। जिनकी साइज 800 से 1000 वर्गफीट है। कुछ भूखंड अन्य साइजों के भी है। स्पष्ट है कि इतनी छोटी साइज की भूमि पर कृषि असंभव है।
नक्शे पर आवासीय कॉलोनी लिखकर बेचे भूखंड
इस भूमि के नक्शे में आवासीय प्रयोजनार्थ आवागमन के लिए सडकंे दिखाई गई है। नक्शे पर स्पष्ट तौर पर आवासीय कॉलोनी लिखा गया है। एक सडक पर एसडीएम कार्यालय के ओर जाने वाली सडक लिखा है। मौके पर इसी नक्शे के अनुसार संकेतक लगाए गए हैं और मुड्डिया गाडकर भूमि को टुकडों में विभक्त किया गया है। जबकि यह भूमि आज भी कृषि भूमि ही है और ग्राहकों को इसे आवासीय बताकर बेचा जा रहा है जो धोखाधडी की श्रेणी में आता है।
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