चरागाहों पर अवैध खनन, 14 करोड जुर्माना लगाया लेकिन वसूल नहीं पाया खान विभाग
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- कुल 22 करोड रूपए बकाया
झालावाड। राज्य सरकार चरागाहों व सरकारी जमीनों के संरक्षण के लिए भले ही सख्त कदम उठा रही हो लेकिन झालावाड जिले में कोटा स्टोन खनन क्षेत्र के आसपास की चारागाहों पर खनन जारी है। ऐसे खान माफियाओं को चिन्हित करने के बावजूद खान विभाग इनसे जुर्माना राशि तक नहीं वसूल पा रहा है। ऐसे अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ करीब साढे 14 करोड रूपए पैनल्टी बकाया है।
झालावाड जिले में 18 खान मालिकों पर खान विभाग के 22 करोड 5 लाख 78 हजार 633 रूपए बकाया है। इनमें से तीन बकायादार ऐसे भी हैं जो सरकारी भूमि पर अवैध खनन करते पकडे जा चुके हैं। लीज क्षेत्र से हटकर दूसरी भूमि पर खनन करने के कारण खान विभाग इन पर भारी भरकम जुर्माना लगा चुका है। ऐसे अवैध खनन कर्ताओं पर 14 करोड 46 लाख रूपए वसूले जाने बाकी हैं। प्रदीप कुमार जैन पुत्र सरदार सिंह जैन पर करीब 6 माह पूर्व 10 करोड 95 लाख रूपए की पैनल्टी लगाई थी। नोटिस दिए जाने के बावजूद विभाग यह रकम नहीं वसूल पाया है। जबकि अब्दुल मुजीब पर एक करोड 61 लाख और शकील मोहम्मद पर एक करोड 89 लाख रूपए पेनल्टी के बकाया है।
इसके अलावा अन्य 15 खान मालिकों को मिलाकर करीब 22 लाख विभाग को वसूल करने हैं.
ऐसे चलता है चरागाह पर अवैध खनन का खेल
जिले के झालरापाटन तहसील क्षेत्र के कनवाडा पंचायत के राजस्व गांव कनवाडा, झीझनी और नान्दियाखेडी तथा पचपहाड तहसील के भिलवाडी, परोलिया, रूणजी सहित कई गांवों में कोटा स्टोन की खनन लीज खान विभाग की ओर से जारी की गई है। इनमें करीब तीन दशक से कोटा स्टोन का खनन किया जा रहा है। जमीन में बेशकीमती पत्थर होने के कारण इस क्षेत्र की सरकारी चरागाह, नाले और नदियां अवैध खनन के कारण संकट में है। खनन माफिया अपनी लीज क्षेत्र से खनिज पत्थर निकालने के बाद आसपास स्थित सरकारी भूमि में खनन शुरू कर देता है। अत्याधुनिक मशीनों से कुछ ही महीनों में जमीन को खोदकर पत्थर निकाल लिया जाता है और एक से दो साल की अवधि में वापस भर दिया जाता है। अवैध खनन के इस खेल में कई खान विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते हैं। इनको इस सारे खेल की जानकारी होने के बावजूद जब तक उच्च स्तरीय शिकायत नहीं हो कार्रवाई नहीं करते।
सहायक खान अभियंता देवी लाल बंशीवाल का कहना है कि इन बकायादारों को जुर्माना की रकम जमा कराने के लिए नोटिस दिए हुए हैं। नियमानुसार अवधि समाप्त होने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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