कक्षा एक से 8 तक की पुस्तकों में भी बदलाव संभव, बैठक मे तैयारियों के दिए निर्देश
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उदयपुर। राजस्थान में स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी के बीच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की बैठक के बाद शनिवार को शिक्षा मंत्री के विशेष अधिकारी सतीश कुमार गुप्ता ने राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद उदयपुर की बैठक ली।
शिक्षा मंत्री के निर्देशानुसार बैठक में पाठ्यक्रम समीक्षा पर विस्तार से चर्चा की गई तथा इसके लिए आवश्यक तैयारियां के निर्देश दिए गए।
शिक्षा मंत्री की विशेष अधिकारी श्री सतीश कुमार गुप्ता ने बताया कि कक्षा एक से आठवीं तक की पाठ्य पुस्तकों का निर्धारण राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद द्वारा किया जाता है। क्योंकि माननीय शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने पाठ्यक्रम समीक्षा के लिए राज्य स्तर पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति की बैठक शीघ्र ही होनी है।जिसमें पाठ्यक्रम की समीक्षा की जाएगी। ऐसे में यदि समिति सिफारिश करती है तो कक्षा 1 से आठवीं तक की पाठ्य पुस्तकों में भी संशोधन संभव है।
इसलिए मंत्री जी के निर्देश पर आज राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद की बैठक आयोजित की गई जिसमें आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए गए। ताकि किसी भी स्थिति में पाठ्य पुस्तकों की छपाई में विलंब ना हो और सत्र के प्रारंभ में ही विद्यार्थियों को निर्धारित पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो सके। बैठक में डॉक्टर जगदीश विजय एवं डॉ सुरेंद्र गोदारा भी उपस्थित थे।
पाठ्यक्रमों में समय अनुकूल परिवर्तन करने पर विचार कर रही है समिति- सोडाणी
समीक्षा समिति की पहली बैठक संपन्न
जयपुर। राज्य में वर्तमान में संचालित संपूर्ण स्कूली पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम समीक्षा समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष श्री कैलाश चंद सोडाणी की अध्यक्षता में जयपुर स्थित शिक्षा संकुल के सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रोफेसर कैलाश चंद सोडाणी के अलावा सदस्य सचिव सतीश कुमार गुप्ता,,सेवानिवृत IAS शिक्षाविद श्यामसुंदर बिस्सा,विशेषज्ञ जयंती लाल खंडेलवाल उपस्थित थे। जबकि प्रोफेसर प्रमेंद्र कुमार दशोरा,प्रोफेसर भारत राम कुमार,कन्हैया लाल बेरीवाल सेवानिवृत IPS जयपुर तथा डी रामाकृष्ण राव वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि भावी पीढ़ी को वो ज्ञान देने की आवश्यकता है जो पुरातन और आधुनिक का संगम होना चाहिए। एजुकेशन पॉलिसी किसी भी देश के भविष्य निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है। दुर्भाग्य से आज भी लॉर्ड मैकाले की की पॉलिसी देश में चल रही है। जिसके दुष्परिणाम भी हम देख रहे है।
सौभाग्य से वर्तमान सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की है। जो बहुत अच्छी है। भारतीय ज्ञान व्यवस्था हमारी शिक्षा का अंग होनी चाहिए।
किस प्रकार से हम पाठ्यक्रमों में समयानुकूल परिवर्तन कर सकते है। इस पर विचार करना होगा।
अध्यक्ष ने कहा कि सभी समिति सदस्य अगली बैठक से पूर्व लिखित में समिति को अपने सुझाव प्रेषित करे। कहां हम परिवर्तन कर सकते है। क्या कर सकते है ? यह विस्तार से सुझाव भेजे। ताकि एक रूपरेखा तय की जा सके। बैठक में सभी सदस्यों को कक्षा 1 से 12 तक के पाठयपुस्तकों के pdf लिंक भेजे गए। साथ ही प्राथमिक स्तर की पुस्तकों का पाठ्यक्रम भी दिया गया। समिति को जो सुझाव अभी तक प्राप्त हुए है वो भी उपलब्ध कराए गए।
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