गोशालाओं ने नहीं कराया निरीक्षण, फिर भी दे दिया लाखों अनुदान
goshalaanudan
गौ ग्रास की बंदरबांट भाग -1
-गौशालाओं को सरकारी अनुदान का सच
-पशुपालन विभाग की मेहरबानी
झालावाड। गौशालाओं में गोवंश के पालन पोषण के लिए दिया जा रहा अनुदान कुछ तथाकथित गोसेवकों और सरकारी अधिकारियों के लिए अवैध कमाई का जरिया बन गया है। दोनों की मिलीभगत से लाखों रूपए की बंदरबांट हो रही है जबकि गोवंश सडकों पॉलिथिन खाने को मजबूर है। ऐसे गोशाला संचालकों पर अधिकारी इतने मेहरबान हैं कि बिना मासिक निरीक्षण किए ही गोशालाओं को अनुदान दे रहे है।
पशुपालन विभाग झालावाड के संयुक्त निदेशक कार्यालय की ओर से गत 18 जून को जिले की 41 गोशालाओं को सहायता राशि देने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई। जिसमें अकलेरा ब्लॉक की चार गोशालाओं को 54 लाख 6 हजार रूपए की राशि आवंटन की स्वीकृति दी गई। ये राशि माह नवम्बर व दिसम्बर 2023 तथा जनवरी, फरवरी व मार्च 2024 की अवधि में गोवंश के चारे पानी की व्यवस्था के लिए जारी की गई है।
नियमानुसार ये राशि तभी जारी की जा सकती है जब इन गोशालाओं का विभाग की ओर से मासिक निरीक्षण और वहां रह रहे गोवंश और सुविधाओं का भौतिक सत्यापन किया गया हो। यह निरीक्षण जिला कलक्टर के 24 फरवरी को जारी आदेश क्रमांक 7378 की पालना में औचक पद्धति से किए जाने थे। लेकिन हकीकत यह है कि विभाग की अधिकारी ने इन गोशालाओं का पहले चार माह के दौरान कोई निरीक्षण नहीं किया। अंतिम माह मार्च 2024 में ही विभागीय अधिकारी ने चारों गोशालाओं का निरीक्षण किया। इसके बावजूद विभाग ने पांच माह का अनुदान गोशालाओं को जारी कर दिया गया।
निरीक्षण औचक करना था, संचालकों ने स्वीकृति नहीं दी
गोशालाओं के मासिक औचक निरीक्षण को लेकर अकलेरा ब्लॉक की प्रभारी वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी नीता रघुवंशी ने अपनी रिपोर्ट में हास्यास्पद टिप्पणी की है।उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि नवम्बर दिसम्बर 2023 और जनवरी, फरवरी 2024 का औचक निरीक्षण उन्होंने इसलिए नहीं किया कि गोशाला संचालकों ने उनसे निरीक्षण करवाने से मना कर दिया। लेकिन इसके बावजूद डॉ रघुवंशी ने इन महीनों के अनुदान जारी होने पर आपत्ति नहीं की।
इतना मिला अनुदान
अकलेरा ब्लॉक की घाटोली स्थित श्री गोवर्धन गोशाला को पांच माह के 150 दिन का 110 गोवंश के एवज में 6 लाख 15 हजार अनुदान स्वीकृत किया गया। जबकि अकलेरा की श्री गोपाल गोशाला को 230 गोवंश के लिए 13 लाख 38 हजार सहायता राशि स्वीकृत की गई। जबकि श्रीराम गोशाला गेहूंखेडी को 233 गोवंश के लिए 13 लाख 38 हजार और उमरिया की श्रीगणेश गोशाला को 403 गोवंश के लिए 21 लाख 15 हजार रूपए की स्वीकृति दी गई है।
अधिकारी उवाच
-नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी के निरीक्षण के लिए संचालकों ने ही मना कर दिया निरीक्षण के लिए। इसलिए हमने निरीक्षण नहीं किए। रिपोर्ट में भी लिखा था कि संचालकों के मना करने के कारण निरीक्षण नहीं किए। इसके बावजूद सहायता राशि जारी करने का निर्णय जेडी साहब के स्तर पर हुआ है, वहीं आगे कुछ बता सकते हैं। निरीक्षण औचक होता है लेकिन बताकर जाना पडता है। क्योंकि वहां जाओ और कोई नहीं मिले तो रिपोर्ट बनाने मंे समस्या आती है।
डॉ नीता रघुवंशी,
ब्लॉक प्रभारी व वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी
-इन पांच महीनों की सहायता राशि हमने भौतिक सत्यापन के आधार पर जारी की है, जो मई 2024 में किया गया। इस रिपोर्ट में जितने पशु दर्शाए गए उनके अनुसार राशि स्वीकृत की है।
डॉ तुकाराम बंसोड
संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, झालावाड।
Share this news
Comments