पूर्व आयुक्त अशोक शर्मा की दो साल वेतन वृद्धि रोकी
Daynulm
-झालावाड नगर परिषद सीएलसी प्रकरण
-जिला कलक्टर ने की कार्रवाई
झालावाड। झालावाड नगर परिषद के पूर्व कार्यवाहक आयुक्त अशोक शर्मा को जिला कलक्टर ने दो साल तक वेतन वृद्धि रोक कर दंडित किया है। ये दंड उन्हें नगर परिषद की ओर से चलाई जा रही इंदिरा रसोई में सीएलसी के माध्यम से फर्जीवाडा करने और सरकारी आदेशों की अवहेलना से सम्बन्धित प्रकरणों पर सुनवाई के बाद दोषी पाए जाने पर दिया गया है।
जिला कलक्टर अजय राठौर ने गत 14 जून को राजस्थान सिविल सेवा नियम के तहत कार्रववाई करते हुए यह आदेश दिया। उनके खिलाफ पूर्व जिला कलक्टर भारती दीक्षित के कार्यकाल में इन आरोपों के नोटिस दिए गए थे। जिनकी सुनवाई के दौरान शर्मा नियत तिथि पर उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से भेजे गए जवाब के बावजूद पत्रावलियों में मौजूद तथ्यों के आधार पर आरोपों को प्रमाणित पाया।
ये थे आरोप
1 नगर परिषद की ओर से संचालित इंदिरा रसोई के संचालन का काम शर्मा ने एनयूएलएम के डीपीओ रहते हुए उनके अधीन कार्यकारी संस्था सीएलसी को सौंप दिया। यह कार्य उन्होनंे कार्यवाहक आयुक्त रहते हुए अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने दूसरे पद के अधीन संस्था को लाभ पहुंचाने के लिए किया। जबकि सीएलसी का गठन केन्द्र सरकार की दीनदयाल शहरी आजीविका मिशन के कार्यक्रमों के संचालन के लिए किया गया है।
2 सीएलसी की ओर से चलाई जा रही इन्दिरा रसोई में भोजन करने वाले लाभार्थियों के फोटो से फोटो खींचकर फर्जी भुगतान उठा लिया गया। ये फर्जीवाडा प्रमाणित होने और संस्था को ब्लैक लिस्टेड किए जाने के बावजूद शर्मा ने संस्था और दाषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि कार्रवाई के लिए तत्कालीन जिला कलक्टर भारती दीक्षित ने आदेश दिए थे जिनकी अवहेलना की गई।
3 तत्कालीन जिला कलक्टर भारती दीक्षित ने इंदिरा रसाई संचालन के लिए नई निविदा जारी कर दूसरी संस्था को काम सौंपने के लिए आदेश दिए जिनकी भी अवहेलना की गई।
4 मुख्य सचिव की विडियो कॉन्फेंस में शहरी रोजगार गारंटी का अत्यंत घटिया प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। जबकि आयोजना विभाग की ओर से वीसी से पूर्व प्रजेंटेशन की विडियो बार बार मांगी गई लेकिन वो अंतिम समय तक नहीं भेजी। जिससे मुख्य सचिव ने गहरी नाराजगी जताई।
5 जिला कलक्टर की जनसुनवाईयों में आए नगर परिषद से जुडे परिवादों को हवा में उडाया गया। कार्रवाई नहीं होने से परिवादी बार बार समस्या लेकर आते रहे और परेशान होते रहे।
जिला कलक्टर ने आदेश की प्रति स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और उप निदेशक को भेजते हुए दंड का इंद्राज दोषी की सेवा पुस्तिका में करने के लिए लिखा है।
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