झालावाड़ जेल में हिरासत के दौरान बंदी की मौत
-मेडिकल बोर्ड करेगा पोस्टमार्टम
- परिजनों ने शव लेने से किया इनकार
-20 लाख मुवावजा व नोकरी की मांग
झालावाड़। जिला कारागार में झालरापाटन निवासी एक 35 वर्षीय बंदी की मंगलवार को संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाकर बुधवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। घटना से आक्रोशित परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया।
मृतक राजेंद्र झालरापाटन की बस स्टैंड के समीप हरिजन बस्ती का रहने वाला था। मृतक राजेंद्र की जेल में तबीयत बिगड़ने पर उसे झालावाड़ के एसआजी चिकित्सालय में उपचार के लिए लाया गया। जहां उसे सर्जिकल आईसीयू में भर्ती कर के उसका उपचार किया जा रहा था। तभी दोपहर लगभग ढाई बजे राजेंद्र की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। सूचना पर मृतक के परिजन चिकित्सालय पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि राजेंद्र बिल्कुल स्वस्थ था और उसके साथ जेल में मारपीट की आशंका जताई। उन्होंने राजेंद्र की हत्या का आरोप लगाया है। इधर पुलिस का कहना है कि जेल कर्मियों ने राजेंद्र के गिरकर घायल होने की बात कही थी।
मृतक के भाई मिथुन ने बताया कि सोमवार को झालरापाटन पुलिस ने राजेंद्र को पकड़कर न्यायालय में पेश किया था। जहां से उसके पेशी पर नहीं जाने के कारण अदालत ने जेल भेज दिया था। जिस समय राजेंद्र को जेल भेजा गया था तब उसको कोई चोट नहीं लगी थी। मृतक के भाई का आरोप है कि उसने राजेंद्र की मौत की सूचना के बाद जब व अस्पताल पहुंचा तो मृतक के मुंह से खून बह रहा था। उसके पैरों के नाखून उखड़े हुए थे तथा चेहरे पर चोट का निशान और सूजन थी। शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं।
परिजनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है और शव लेने से इनकार कर दिया।
फिलहाल उनको कोई रिपोर्ट मृतक के परिजनों की तरफ से नहीं मिली है। परिजनों ने कहा कि जबयुवक को जेल भेजा उससे पहले उसका मेडिकल करवाया गया था तथा उसको पूरा स्वस्थ पाए जाने के बाद ही जेल भेजा गया था। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यदि चोटों की पुष्टि होती है और किसी प्रकार की रिपोर्ट मृतक के परिजनों द्वारा दी जाती है तो उसके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
ऋचा तोमर, पुलिस अधीक्षक
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